देहरादून। देहरादून के प्रतिष्ठित कर्नल ब्राउन कैंब्रिज स्कूल में पांच दशक बाद 200 छात्रों के बीच शिकायना मुखिया वर्ष 2025 में 12वीं पासआउट होने वाली पहली छात्रा होंगी। शिकायना वर्ष 2018 से इस स्कूल में छात्रों के बीच पढ़ रही हैं। शिकायना इन दिनों बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटी हैं।
शिकायना के परिवार के लिए भी अगला वर्ष किसी उपलब्धि से कम नहीं है। वर्ष 1969 में चारु सिंह इस स्कूल की अंतिम छात्रा थीं। जिसने इस स्कूल से इंटरमीडिएट पास किया था। इसके बाद अब शिकायना मुखिया पासआउट होंगी।
शिकायना का परिवार देहरादून के डालनवाला में रहता है। मां दीरा मुखिया कर्नल ब्राउन कैंब्रिज स्कूल में अंग्रेजी की शिक्षिका हैं, जबकि पिता विकास मुखिया भी पूर्व में इसी स्कूल में संगीत के शिक्षक रह चुके हैं। शिकायना देहरादून में सेंट थामस कालेज में छठी कक्षा में अध्ययरनत थीं, जब वर्ष 2017 में टीवी शो वायस इंडिया किड्स में शिकायना ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए अंतिम छह में जगह बनाई।

स्‍कूल ने प्रवेश देने से कर दिया था इन्कार

शो में हिस्सा लेने की वजह से उपस्थिति काफी कम रहने पर सेंट थामस कालेज ने नियमों का हवाला देते हुए इस उभरती कलाकार को प्रवेश देने से इन्कार कर दिया था। ऐसे वक्त में कर्नल ब्राउन कैंब्रिज स्कूल ने सकारात्मक पहल की। शिकायना को अपने स्कूल में सातवीं में दाखिला देकर उसका एक साल बर्बाद होने से बचाया।

शिकायना के पिता विकास मुखिया ने बताया कि उन्हें स्कूल से काफी सहयोग मिलता है। शुरुआती दिनों में जब दाखिला हुआ था तो परिवार सोच रहा था कि कैसे 200 छात्रों के बीच में पढ़ाई करेगी। शिकायना के लिए भी छात्रों के बीच पढ़ाई करना एक चुनौती थी, लेकिन शिकायना की पढ़ाई किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हुई।

स्कूल में 10वीं की टापर हैं शिकायना

शिकायना मुखिया कर्नल ब्राउन कैंब्रिज स्कूल में 2022-23 में 10वीं की स्कूल टापर रहीं। शिकायना ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 95.6 प्रतिशत अंक हासिल किए। पिता विकास मुखिया का कहना है कि दिल्ली, मुंबई में कई आयोजन में शिकायना को जाना पड़ता है। इसलिए उसकी उपस्थिति 60 प्रतिशत से ऊपर नहीं गई। इसके बाद भी वह पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर रही है।

टीवी शो सारेगामा से आया फोन, लेकिन मना कर दिया

शिकायना ने वर्ष 2017 में टीवी रियलिटी शो वायस इंडिया किड्स, 2019 में सुपर स्टार सिंगर, वर्ष 2022 में इंडियाज गोट टैलेंट में प्रतिभाग किया। इंडियाज गोट टैलेंट में शिकायना को सभी प्रतिभागियों में सबसे ज्यादा 27 मिनट का एपिसोड दिया। शिकायना के पिता विकास मुखिया ने बताया कि हाल ही में टीवी शो सारेगामा से उन्हें फोन आया था, लेकिन बोर्ड परीक्षा की तैयारी जरूरी है, इसलिए उन्होंने फिलहाल मना कर दिया।

ग्रेजुएशन कर अपने गाने लोगों तक पहुंचाना चाहतीं हैं शिकायना

शिकायना को विभिन्न टीवी शो के अलावा अलग-अलग म्यूजिक कंपनी से भी फोन आ रहे हैं। शिकायना का कहना है कि वह फिलहाल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रही हैं। आगे ग्रेजुएशन करने के बाद वह संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती हैं।

इसके लिए खुद का स्टूडियो और अपने गानों को लोगों के बीच पहुंचाना उनका सपना है। शिकायना इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भी पिता विकास मुखिया के साथ गीतों को लोगों पहुंचाती हैं। शिकायना का छोटा भाई इनोश भी इसी स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ता है।

98 वर्ष पुराना है स्कूल

कर्नल ब्राउन कैंब्रिज स्कूल 98 वर्ष पुराना है। जिसे वर्ष 1926 में आर्मी आफिसर कर्नल विलियम ब्राउन ने स्थापित किया था। स्कूल के हेडमास्टर एस त्यागी का कहना है कि स्कूल के शिक्षकों की बेटियां यहां पढ़ती हैं। बताया जाता है कि पहली बार लड़की ने वर्ष 1940 में दाखिला लिया। वर्ष 1969 में चारू सिंह अंतिम छात्रा थीं, जिन्होंने इस स्कूल से इंटरमीडिएट पास किया था। इसके बाद अब शिकायना मुखिया पासआउट होंगी। यह स्कूल वर्ष 2026 में अपना शताब्दी समारोह मनाएगा।

इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर हैं लाखों फोलोअर्स

शिकायना ने गायक हिमेश रेशमिया के तीन, आनंद मिलंद और समीर टंडन के एक-एक गीतों को गाया। शिकायना इंटरनेट मीडिया पर भी सक्रिय रहती हैं। उनके फेसबुक पर दो लाख 70 हजार, इंस्टाग्राम पर एक लाख 67 हजार, यूट्यूब पर एक लाख 35 हजार फोलोअर्स हैं। इंटरनेट मीडिया पर शिकायना कई नए गीत गाती हैं, जबकि पिता विकास मुखिया गिटार पर साथ देते हैं।

द दून स्कूल व वेल्हम ब्वायज में भी पढ़ती हैं बेटियां

वर्ष 1935 में स्थापित प्रतिष्ठित द दून स्कूल में भी शिक्षकों की बेटियों को पढ़ने का मौका मिलता है। इसी तरह वेल्हम ब्वायज स्कूल में भी स्टाफ की बालिकाओं को पढ़ने का मौका मिलता है। शुरूआती दिनों में उन्हें छात्रों के साथ बैठने व पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

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