आगरा। बैकुंठ चतुर्दशी पर गुरुवार शाम बल्केश्वर यमुना नदी के घाट पर दीपदान करने की भीड़ में हालात बेकाबू हो गए। भीड़ में अचानक हुई धक्कामुक्की में तीन महिलाएं बेहोश हो गईं और बच्चे बेहाल हो गए। डीसीपी सिटी सूरज राय का कहना है कि आयोजन के संबंध में कोई पूर्व सूचना नहीं थी। भीड़ अचानक पहुंची थी। पर्व को देखते हुए थाने की फोर्स थी। सूचना पर तत्काल फोर्स पहुंची और स्थिति संभाल ली गई।
पितृों की आत्मा की शांति और परिवार के कल्याण के लिए बैकुंठ चतुर्दशी पर दीपदान की विशेष महत्ता होती है। हर वर्ष बल्केश्वर में यमुना नदी के पार्वती घाट पर दीपदान करने आसपास के क्षेत्रों से लोग पहुंचते थे। इस बार बल्केश्वर महादेव मंदिर और यमुना किनारा स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भंडारा था।

पार्वती घाट पर जाने वाले रास्‍ते में ही फंस गए लोग

गुरुवार शाम चार बजे से ही यहां श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने लगी। आयोजन के लिए न तो किसी ने सूचना दी थी और न ही पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के इंतजाम थे। शाम पांच बजे भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि लोग पार्वती घाट पर जाने वाले रास्ते में जहां के तहां फंस गए।

तीन मह‍िलाएं बेहोश होकर ग‍िरीं

इसके बाद भीड़ से जल्द बाहर निकलने को धक्कामुक्की होने लगी। इसमें तीन महिलाएं बेहोश होकर गिर गई। इसके बाद अफरातफरी मच गई और कई महिलाएं रोड पर गिर पड़ीं। भीड़ में फंसे बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। जितनी भीड़ घाट पर जाने के रास्ते में फंसी थी, उससे अधिक रोड पर बाहर खड़ी थी। हालात बिगड़ने की सूचना पर पुलिस पहुंची।

घाट पर लगी बेंच भी टूटी

बैरियर लगाकर भीड़ को घाट पर जाने से रोक दिया। इसके बाद करीब 30 मिनट में हालात सामान्य हो सके। बाद में पुलिस ने घाट पर पहुंचकर भीड़ को वहां से हटाया। भीड़ की अधिकता और दबाव के कारण घाट पर लगी बेंच भी टूट गई।

नहीं था कोई आयोजक

बल्केश्वर के पार्वती घाट पर पहली बार इतनी भीड़ पहुंची थी। यहां हर वर्ष बैकुंठ चतुर्दशी पर दीपदान होता है, लेकिन कोई आयोजक नहीं होता और किसी को आमंत्रित भी नहीं किया जाता। लोग खुद ही दीपदान करने पहुंचते हैं। इसलिए ही किसी को भीड़ का अंदाजा नहीं था।

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