आवासीय कॉलोनी में संचालित अस्पताल को लेकर लोगों में फूटा गुस्सा…
मुजफ्फरनगर। थाना सिविल लाइन क्षेत्र के जाट कॉलोनी स्थित एनसीसी वाली गली में 4-5 साल से संचालित निर्वाल हॉस्पिटल को लेकर कॉलोनी वासियों में लंबे समय से आक्रोश चला आ रहा है।
आज सैकड़ो लोगों ने कॉलोनी में मीटिंग करके चेतावनी दी के अगर निर्वाल हॉस्पिटल आवासीय कॉलोनी में अपनी गतिविधियों को इसी प्रकार चलाता रहा तो लोग जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे। लोगों में प्रदेश सरकार को लेकर भी गुस्सा नजर आया।
दरअसल वार्ड 41 की सबसे पुरानी और पहली इस आवासीय कॉलोनी में 20 फुट की सड़क होने के बावजूद मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की मिली भगत और सीएमओ द्वारा परमिशन देकर सर्जरी के हॉस्पिटल का संचालन कराया जा रहा है।
आवासीय कॉलोनी में इस अस्पताल को अग्निसमन विभाग द्वारा कैसे अनुमति प्रदान की गई। किस प्रकार एमडीए द्वारा मानचित्र पारित किया गया। किस तरह सीएमओ द्वारा इसे चलाने की अनुमति दी गई क्योंकि यहां सर्जरी की जाती है जिसके लिए बड़े विद्युत उपकरण के साथ-साथ तमाम रूम में सभी तरह की चिकित्सीय सुविधाओं की जरूरत होती है। किस यह खनन विभाग द्वारा यूज किए गए चिकित्सा उपकरणों को अलग-अलग तरह से जमींदोज करने की परमिशन दी गई है। यह तो सिस्टम के सवाल हैं।
मगर कॉलोनी वासियों को गुस्सा इस बात को लेकर था कि सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ लेकर गली मोहल्ले में अस्पताल शुरू हो गए हैं जहां मरीजों को यह कह कर लाया जाता है कि उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा और मामूली बीमारी का भी बड़ा इलाज दिखाकर डॉक्टर सरकारी योजना के तहत भरपूर लाभ ले रहे हैं। मरीज इसलिए परेशान नहीं होता क्योंकि उसके घर से कोई पैसा नहीं जाता। मरीज को लाने वाले को कमीशन दिया जाता है और इस तरह गली मोहल्ले में यह धंधा अस्पतालों के अंदर तेजी से पनप रहा है।
इसीलिए कमीशन के लालच में जाट कॉलोनी स्थित निर्वाल हॉस्पिटल में 90% से अधिक विशेष संप्रदाय के लोग आते हैं। एक-एक मरीज के साथ दर्जनों की संख्या में तीमारदार के रूप में लोग आते हैं। उनके वाहनों द्वारा यह आवासीय मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। बहू बेटियों को घर से बाहर निकलने में परेशानी होती है सुबह शाम दोपहर रात में अस्पताल के बाहर अनजान लोग खड़े रहते हैं। लोगों को आशंका हो रही है कि उनके घरों की रेकी हो रही है अधिकांश घरों में एक-एक दो-दो लोग ही रहते हैं और उनके साथ कोई भी सामाजिक तत्व किसी आपराधिक घटना को अंजाम दे सकता है।
उधर अस्पताल में बैठने की जगह न होने के चलते दर्जनों तो कभी कभी सैकड़ो तीमारदार सड़कों पर ही लोगों के घरों के सामने रैंप पर बैठे रहते हैं। जिनमें से कई आती जाती महिलाओं को देखकर अश्लील हरकतें करते हैं वही नाली पर बाथरूम करने लगते हैं। कई छेड़छाड़ की घटनाएं हो चुकी हैं।
वहीं गाड़ियों में रखकर शराब पीना, मीट मुर्गा खाकर उनके अवशेष फेंक देना और अब अजान देकर नमाज पढ़ने की घटना से कॉलोनी वासियों में गुस्सा था।
जिसकी जानकारी पुलिस को भी थी मगर हर तरह से अनभिज्ञता दिखाई गई जिसके बाद आज एक मीटिंग का आयोजन हुआ। जिसमें महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। सैकड़ो लोगों ने एकमत से फैसला लिया के आवासीय क्षेत्र में किन अधिकारियों और संस्थाओं द्वारा हॉस्पिटल संचालित की अनुमति दी गई है, उसकी जानकारी आरटीआई के माध्यम से ली जाएगी और उनके खिलाफ वाद दायर किया जाएगा और किसी भी घटना दुर्घटना होने के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।
उल्लेखनीय है कि जाट कॉलोनी में कई बार ऐसे मामले को लेकर स्थिति बिगड़ चुकी है। 2 महीने पूर्व भी एक संप्रदाय विशेष का व्यक्ति हाथ में तेजाब की बोतल लेकर महिलाओं और लड़कियों को डराता हुआ कैमरे में कैद हुआ था जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार किया।
लोगों में पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध भी गुस्सा देखा गया। हालांकि उपस्थित लोगों के बीच में आकर निर्वाण हॉस्पिटल के चिकित्सक ने व्यवस्था को जल्द दुरुस्त करने की बात कही है परंतु लोगों ने उक्त मामले में थाना सिविल लाइन में तहरीर भी दी है।
आज इस मीटिंग का संचालन बिट्टू सिखेड़ा ने किया। अध्यक्षता इंजीनियर मांगेराम ने की। वार्ड सभासद शिवम् बालियान, सत्यवीर वर्मा, ओमप्रकाश पवार, विकास बालियान, प्रवीण कुमार जावला एडवोकेट, विवेक तोमर, दिलावर सिंह, अमित तोमर मिक्कू, अजीत मलिक, मोहित बंटी, श्रीमती महेशो चौधरी, श्रीमती सुशीला देवी समेत सैकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित रहे।