नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि सरकार खेत से लेकर थाली तक बागवानी उत्पाद की कीमतों में भारी अंतर को दूर करने के लिए समिति गठित करेगी।राष्ट्रीय राजधानी में कृषि सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, किसान पांच रुपये में सब्जियां बेचता है, तो उपभोक्ता 50 रुपये चुकाता है। इस अंतर को कम करने की जरूरत है।
अगले महीने ‘कृषि चौपाल’ शुरू होगी
टमाटर की कीमतों में उछाल रोकने के लिए उन्होंने प्रस्ताव दिया कि केंद्र और राज्य सरकारें संयुक्त रूप से परिवहन लागत में सब्सिडी दे सकती हैं ताकि शहरी उपभोक्ताओं को सब्जियां उचित दरों पर मिलें और किसानों के हितों की रक्षा हो सके। कृषि मंत्री चौहान ने अगले महीने ‘कृषि चौपाल’ शुरू करने की योजना के बारे में बताया। उन्होंने देशभर में 730 से अधिक कृषि विज्ञान केंद्रों के कामकाज को ठीक करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कृषि भारत की आर्थिक रीढ़
उन्होंने कहा, कुछ राज्य केवीके पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते हैं। हमें बेहतर समन्वय की आवश्यकता है। उन्होंने राज्यों से कृषि में सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करने के लिए 2-2.5 एकड़ के माडल फार्म विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, कृषि भारत की आर्थिक रीढ़ है। इस क्षेत्र को मजबूत किए बिना कोई प्रगति संभव नहीं है।
रबी फसल के रिकार्ड उत्पादन पर सरकार की नजर
केंद्र सरकार को 2024-25 के रबी सीजन में रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन हासिल करने का भरोसा है। राष्ट्रीय सम्मेलन में कृषि मंत्री शिवराज ¨सह चौहान ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव के कारण शिपमेंट में देरी के बावजूद यूरिया और डायमोनियम फास्फेट जैसे प्रमुख उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। मंत्रालय ने 2024-25 रबी सीजन के लिए 164.55 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें 115 लाख टन गेहूं और 18.15 लाख टन दालें शामिल हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने कहा, जलाशयों में जल स्तर, मौसम विभाग के पूर्वानुमान और मिट्टी की नमी को देखते हुए इस वर्ष रबी सीजन में रिकार्ड उत्पादन की उम्मीद है।
चने की खेती के रकबे को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया
कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने चने की खेती के रकबे को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। कहा कि पिछले दो वर्षों में उत्पादन कम रहा है, जिसके कारण आयात की आवश्यकता पड़ी है। सम्मेलन में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर और भागीरथ चौधरी के साथ छह राज्यों के कृषि मंत्रियों ने भाग लिया।