पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के लिए चलाई गयी मुहिम
– क्रिसिल फाउन्डेशन ने किया वित्तीय साक्षरता एवं समावेशन कैम्प का आयोजन

बिजनौर। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के क्रियान्वयन के लिए क्रिसिल फाउन्डेशन द्वारा विकासखंड अफजलगढ़ के ग्राम कुआखेड़ा एक वित्तीय साक्षरता एवं समावेशन कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक व पीएनबी से एलडीएम, एफएलसी समेत बैंक प्रबन्धक आदि ने भाग लिया। इस कैम्प में लोगों को वित्तीय साक्षर करने के साथ ही उनके वित्तीय समावेशन कराये जाने पर भी बल दिया गया।
कैम्प को संबोधित करते हुए नाबार्ड के डीडीएम वीरेश कुमार ने कहा कि वित्तीय साक्षरता से ही सामाजिक व आर्थिक स्तर सुधर सकता है। उन्होंने लोगों को बचत करने के साथ ही बचत को कैसे और कहां निवेश किया जा सकता है, इसकी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अपनी आदमनी का दस प्रतिशत प्रत्येक व्यक्ति को बचाने और उसका निवेश करना है। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई, एपीवाई ऐसी योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से समाज को सुरक्षा की भावना मिलती है और आज व कल दोनों सुरक्षित हो जाते हैं।
कैॅम्प को एफएलसी सी.बी. सिंघल, शाखा प्रबन्धक पीएनबी भोगपुर अर्चित वर्मा, क्रिसिल फाउन्डेशन के एरिया मैनेजर वासिफ अली, एसिस्टेंट एरिया मैनेजर मौहम्मद याकूब, केन्द्र प्रबन्धक सीएफएल किरतपुर दीपमाला, फील्ड कोर्डिनेटर निशा कौर व सत्यपाल सिंह ने भी संबोधित किया। इस दौरान ग्राम प्रधान कुंआखेड़ा एवं समस्त ग्रामवासियों ने भाग लिया।


बुक्सा जनजाति के लोगों का घर-घर जाकर किया गया सर्वे
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय साक्षरता केन्द्र किरतपुर व क्रिसिल टीम द्वारा बुक्सा जनजाति के लोगों का घर घर जाकर उनका सर्वे किया गया एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया गया। इस दौरान एरिया मैनेजर वासिफ अली ने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में अनुसूचित जनजाति (एसटी) की आबादी 10.45 करोड़ है, जिसमें 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 75 समुदायों को विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में पहचाना जाता है। इस पहल का उद्देश्य सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुँच के साथ-साथ बेहतर सड़क और दूरसंचार संपर्क और पीवीटीजी घरों और आवासों में स्थायी आजीविका के अवसर जैसी आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करना है। यह अभियान पीवीटीजी परिवारों को व्यक्तिगत अधिकार और बुनियादी सुविधाओं के साथ बस्तियों को संतृप्त करने के उद्देश्य से एक प्रयास है , जिससे इन आदिवासी समुदायों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा सके। अभियान अवधि के दौरान, आधार कार्ड , सामुदायिक प्रमाण पत्र और जन धन खाते प्रदान किए जाएंगे क्योंकि ये आयुष्मान कार्ड , पीएम किसान सम्मान निधि , किसान क्रेडिट कार्ड आदि जैसी अन्य योजनाओं के लिए बुनियादी आवश्यकताएं हैं।

"
""
""
""
""
"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *