लखनऊ। नामचीन दुकान में रसगुल्ले की गुणवत्ता कैसी है या किसी रेस्तरां में खाना कितनी स्वच्छता से बनाया जा रहा है। प्रतिष्ठित नाम और ब्रांड वाले खाद्य कारोबारी मानकों का कितना पालन कर रहे हैं। इन सब बातों के उत्तर पाने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने अब तीसरे पक्ष से फूड सेफ्टी ऑडिट करेगी। एफएसएसएआई द्वारा नामित एजेंसी दुकानों की गुणवत्ता का ऑडिट करेगी और गड़बड़ी मिली तो दुकानों की रेटिंग का नए सिरे से तय होगी। साथ ही कार्रवाई भी होगी।
लखनऊ में पहली बार इस तरह का फूड सेफ्टी ऑडिट होने जा रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त विजय प्रताप सिंह ने बताया कि बात सेहत की है, इसलिए गुणवत्ता में किसी तरह की लापरवाही की गुंजाइश नहीं छोड़ी जा सकती। एफएसएसएआई स्वच्छता और गुणवत्ता को लेकर बेहद गंभीर है। इसीलिए लखनऊ में पहली बार बीस प्रतिष्ठानों का फूड सेफ्टी आडिट होने जा रहा है।
ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेगा एफएसएसएआई
एफएसएसएआई द्वारा नामित एजेंसी, जिसमें विशेषज्ञों की टीम होगी ऑडिट करेगी। टीम मुख्य तौर पर इस बात की जांच करेगी कि खाद्य पदार्थ कहां और किस स्थिति में तैयार किया जा रहा है। साथ ही कितने मानकों का पालन हो रहा है। ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर एफएसएसएआई कार्रवाई करेगा। गुणवत्ता को और कैसे बेहतर किया जाए इसके लिए इस तरह का ऑडिट कराया जा रहा है। पहले चरण में बीस प्रतिष्ठानों को लिया जाएगा, जो रेंडम तय होंगी।
कैसे तय होती है दुकानों की रेटिंग
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग मिठाई की दुकानों और रेस्टोरेंट की रेटिंग तय करता है। यह रेटिंग अलग-अलग मानकों का पालन करने पर एफएसडीए द्वारा निर्धारित की जाती है। 80 प्रतिशत मानकों का पालन करने पर फाइव स्टार रेटिंग दी जाती है। लखनऊ में करीब पांच सौ खाद्य दुकानों और रेस्टोरेंट को रेटिंग जारी की जा चुकी है।
मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए सीमित खाद के प्रयोग पर जोर
संवाद सूत्र, लखीमपुर। केंद्रीय उपभोक्ता भंडार के सभागार में इफको ने नगद बिक्री केंद्र प्रभारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी रहे, जबकि उपमहाप्रबंधक एस पी सिंह और वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं सलाहकार डा. के एन तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन क्षेत्राधिकारी इफको अरविंद कुमार यादव ने किया।कार्यक्रम में लगभग 50 नकद बिक्री केंद्र प्रभारियों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि अरविंद कुमार चौधरी ने रासायनिक उर्वरकों के सीमित उपयोग और नैनो यूरिया व नैनो डीएपी के अधिक उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि इससे मिट्टी की उर्वरकता बनी रहेगी और उत्पादन में भी वृद्धि होगी। उन्होंने सरकारी कृषि फार्म पर नैनो उर्वरकों के प्रयोग के अपने अनुभव साझा किए और पराली की समस्या से निपटने के लिए इफ्को बायो डिकंपोजर के उपयोग की सलाह दी।