वाराणसी। डेरी उद्योग में प्रगति लाने के मकसद से आइआइटी बीएचयू व बीएचयू के विज्ञानियों ने बायोइलेक्ट्रानिक डिवाइस तैयार किया है। यह दूध में यूरिया (मिलावट) की पहचान करने में सक्षम है। यह तकनीक तरबूज के बीज का उपयोग करती है और यूरिया एंजाइम के साथ किफायती, सरल और उच्च दक्षता वाला उपकरण बनाती है।

जैव रासायनिक अभियांत्रिकी के डा. प्रांजल चंद्रा व स्कूल आफ बायोटेक्नोलाजी के प्रो. अरविंद एम कायस्थ के नेतृत्व में शोध टीम ने तरबूज के बीजों में यूरिया एंजाइम की खोज की है, जो यूरिया को तोड़ता है। विज्ञानियों ने बताया कि तरबूज के बीजों को फेंकने के बजाय खाद्य सुरक्षा को सुधारा जा सकता है।

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