कौशाम्बी/प्रशान्त कुमार मिश्रा
भगवान श्री राम के वनवास प्रस्थान को सुनते ही पूरी अयोध्या में पसरा सन्नाटा
कौशाम्बी। श्री राम लीला कमेटी दारानगर द्वारा आयोजित श्री राम लीला में भगवान राम के वनवास का मंचन फरीद गंज स्थित गांव में किया गया।जिसमें चौपाइयों के माध्यम से पुरोहित रेवती रमण पांडेय ने बताया कि महारानी कैकेई की इच्छाओं के कारण राजा दशरथ को राम को चौदह वर्षों के लिए वनवास देना पड़ा और भरत को राजगद्दी सौंपनी पड़ी।भगवान श्री राम का वनवास प्रस्थान एक महत्वपूर्ण घटना है, जो भारतीय महाकाव्य रामायण में वर्णित है। जब राजा दशरथ ने अपने पुत्र राम को 14 वर्षों के लिए वनवास भेजने का निर्णय लिया, तो यह उनके वचन के कारण हुआ।
श्री राम की पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण ने भी वनवास में साथ जाने का निर्णय लिये। इस घटना ने न केवल राम के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ लाया, बल्कि इसे धर्म, त्याग और आदर्शों का प्रतीक माना जाता है। प्रभु श्री राम के वनवास ने उनके साहस और धैर्य को दर्शाया, जो कि भारतीय संस्कृति में अनुकरणीय है।इस प्रस्थान की खबर पूरे अयोध्या में फैली, और लोग दुखी थे, लेकिन राम के आदर्श और सिद्धांतों ने उन्हें प्रेरित किया। यह घटना रामायण के मुख्य घटनाक्रमों में से एक है, जो भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।इस दौरान दिरगज प्रधान,सभासद अनिल यादव,दीपक सोनी,मगन सोनी,राकेश पांडेय,मूल प्रकाश त्रिपाठी,मनीष पाठक,शिवम मिश्रा,मनोज सहगल सहित तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे।
रिपोर्टर – प्रशान्त कुमार मिश्रा
कौशाम्बी
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