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उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने गुरुवार को ग्राम पंचायतों से अपील करते हुए कहा कि वे रुद्रप्रयाग में कुछ खास समुदायों के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले साइन बोर्ड न लगाएं। उन्होंने यह अपील इसलिए की, क्योंकि हाल ही में रुद्रप्रयाग जिले की केदार घाटी के गांवों में विशेष समुदाय के लोगों के घुसने पर प्रतिबंध लगाने वाले साइन बोर्ड लगने की खबरें सामने आई थीं।
एएनआई से विशेष बातचीत में डीजीपी ने कहा, ‘हमने ग्राम पंचायतों से कहा है कि वे ऐसे कोई बोर्ड न लगाएं, जो किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाते हों।’ साथ ही उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने बढ़ते अपराधों की वजह से ऐसे बोर्ड लगाए थे।
डीजीपी ने आगे कहा, ‘हमें इस मुद्दे की गहराई में जाने की जरूरत है। ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों के मन में बाहर से आए लोगों के प्रति कोई प्रतिकूल भावना है। हमें छोटे गांवों में रहने वाले लोगों की भावनाओं को समझना होगा। इन गांवों में अधिक लोगों के पहुंचने के बाद अपराध की घटनाएं हुई हैं। ‘लव-जिहाद’ जैसे मामले भी सामने आए हैं।’
कुमार ने कहा कि अगर कहीं बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध है, तो पंचायत अधिनियम में पंचायत के अधिकारों के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि पुलिस के आग्रह के बाद ग्राम पंचायतों ने उन बोर्डों को हटा दिया है।
डीजीपी अभिनव कुमार ने यह भी कहा कि अगर कहीं भी कार्रवाई के लिए पुलिस की जरूरत पड़ती है या कोई कार्रवाई करनी होती है तो पुलिस प्रशासन उसमें पूरा सहयोग करेगा। पुलिस प्रशासन यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति गांव में न आए और वहां किसी भी महिला या नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ की घटना न हो।
डीजीपी ने कहा, ‘पिछले हफ्ते रुद्रप्रयाग जिले के 6 से 7 गांवों में कुछ बोर्ड लगाए गए थे कि बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध है और स्थानीय ग्राम पंचायत द्वारा जुर्माना भी लगाया गया है। हालांकि अब बोर्ड हटा दिए गए हैं।’
उन्होंने बताया कि ‘बोर्ड में लिखी भाषा पर एक समुदाय विशेष के लोगों ने आपत्ति जताई थी। गांवों में अपराध की घटनाओं के कारण स्थानीय लोग चिंतित हो गए हैं। लव जिहाद की घटनाएं हुई हैं। हमने ग्रामीणों से अनुरोध किया है कि वे किसी विशेष समुदाय को निशाना न बनाएं।’ डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक को इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
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