यूपी के बागपत में पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति और सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ की जमीन भारत में होगी नीलाम
मुशर्रफ का परिवार बागपत के कोटाना गांव में रहता था। बंटवारे के दौरान उनका परिवार पाकिस्तान चला गया। यहां भारत में उनकी 13 बीघा जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया।
अब जिला प्रशासन के जरिए मुशर्रफ की 13 बीघा जमीन की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
कारगिल युद्ध में भारत के हाथों करारी हार के लिए बदनाम जनरल परवेज मुशर्रफ की पिछले साल निर्वासन में मौत हो गई थी।
बताया जाता है कि परवेज़ मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन कोताना गांव की रहने वाले थे. उनकी शादी भी इसी गांव में हुई थी, लेकिन 1943 में यह परिवार दिल्ली चला गया, जहां परवेज़ मुशर्रफ और उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ का जन्म हुआ. विभाजन के समय, 1947 में उनका परिवार पाकिस्तान चला गया. दिल्ली के अलावा, उनकी हवेली और खेती की जमीन कोताना में भी मौजूद थी.
हालांकि, बाद में परवेज़ मुशर्रफ की जमीन बेच दी गई, लेकिन उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ और परिवार के अन्य सदस्यों की 13 बीघा से ज्यादा की खेती की जमीन बची रही. इसके अलावा, कोताना की हवेली उनके चचेरे भाई हुमायूं के नाम दर्ज हो गई थी.
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