शुरुआती जांच में चर्चित भू माफिया समेत कई लोग आए जांच के घेरे में

मामले से जुड़े लोगों को भेजा गया नोटिस, हुआ जवाब तलब

सहारनपुर, देवबंद।

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कराकर वसीयत कराने के मामले में प्रशासन द्वारा जांच शुरू कर दी है। जांच से संबंधित लोगों को नोटिस भेजे गए हैं। नोटिस का जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बजरंग दल नेता विकास त्यागी ने सहारनपुर डीएम दिनेश चंद्र को प्रार्थना पत्र देते हुए अवगत कराया था कि देवबंद के एक चर्चित भूमाफिया द्वारा फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कराकर करोड़ों रुपए की संपत्ति पर कब्जा करने की साजिश रची जा रही है। नगर निवासी शोएब जिसके नाम पर देवबंद में करीब 55 बीघा का बैग है जिसकी कीमत एक अरब रुपए से ऊपर है बेश कीमती संपत्ति पर देवबंद के भू माफिया अपनी नजर गड़ाए बैठे हैं। जिसके चलते ही उक्त लोगों ने दो फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र अलग-अलग तारीख को में बनवाए हैं। इतना ही नहीं रजिस्ट्री ऑफिस में मृतक के नाम से दूसरे व्यक्ति को पेश कर अपने नाम फर्जी वसीयत तक भी कर ली है। विकास त्यागी के मुताबिक शोएब की मृत्यु 16 फरवरी 2024 को हुई थी। जबकि उसके नाम से ही 20 फरवरी को फर्जी वसीयत तैयार की गई। शोएब के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति को रजिस्ट्री ऑफिस ले जाया गया था। पूरे मामले में दम दिनेश चंद्र ने देवबंद एसडीएम अंकुर वर्मा को जांच होती है। इसके बाद प्रशासन द्वारा मामले से जुड़े लोगों को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा है। एसडीएम अंकुर वर्मा ने बताया नोटिस का जवाब मिलने के बाद उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी शोएब की मौत

सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार 16 फरवरी को शोएब की मौत हुई थी। देवबंद के एक निजी चिकित्सक के यहां उसने दम तोड़ा था। बताया जाता है कि शोएब की मौत की संदिग्ध है। क्योंकि वह किसी भी बीमारी से पीड़ित नहीं था। अचानक उसकी मृत्यु हो जाना भी कई सवालों को जन्म देती है। हालांकि प्रशासन की जांच के बाद ही मामले के तथ्य खोलकर सामने आएंगे।

फर्जी वसीयत के मामले में चर्चित भूमिया का पुत्र बना था गवाह

रजिस्ट्री ऑफिस में फर्जी वसीयत कराने के मामले में बड़े सफेद पोश नेता और भू माफिया भी शामिल थे। वसीयत करने के मामले में जो एक व्यक्ति गवाह बनाया गया है वह भी नगर के एक चर्चित भूमिया का पुत्र है। सूत्रों की माने तो एक सभासद के माध्यम से पूरे मामले में जमीन हथियाना की साजिश से रची गई। इसके बाद फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने से लेकर कई लोगों को मोटी रिश्वत भी दी गई। अब देखना यह है कि प्रशासन की जांच में क्या कार्रवाई देखने को मिलती है?

रिपोर्ट प्रशांत त्यागी

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