देहरादून : उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) द्वारा हरिद्वार से दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप है। पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसी सतर्क हो गई है। अब इन आतंकवादियों से जुड़े लोगों की जांच की जा रही है।

उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीते दिनों अलकायदा के इंडियन सब कांटिनेंट माड्यूल अलकायदा बर्र-ए-सगीर और उसके सहयोगी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े आठ आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद हरिद्वार से बांग्लादेश मूल के अली नूर और रुड़की निवासी मुदस्सिर को भी गिरफ्तार किया गया।

हरिद्वार अर्द्धकुंभ के दौरान पकड़े गए था चार आतंकी

  • रुड़की के नगला इमरती निवासी युवक के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से स्थानीय लोग एक बार फिर दहशत में आ गए हैं।
  • इससे पहले भी नगला इमरती के आसपास से आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहे चार आतंकी पकड़े गए थे।
  • हालांकि बताया जा रहा है कि मुदस्सिर ज्यादातर ज्वालापुर आदि में रहता था।
  • उसके पकड़े जाने के बाद स्थानीय लोग एक बार फिर से दहशत में आ गए हैं।
  • इससे पहले वर्ष 2016 में नगला इमरती के आसपास के क्षेत्र से चार आतंकी पकड़े जा चुके हैं।
  • हरिद्वार अर्द्धकुंभ में ट्रेन को उड़ाने की साजिश इन आतंकियों ने रची थी।
  • चारों आरोपित कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की ट्रेन को उड़ाने के लिए बम तैयार कर रहे थे।
  • इसके लिए माचिस की तीली से निकलने वाले बारूद को एकत्रित कर रहे थे।
  • 65 किलोग्राम बारूद इन चारों आतंकियों ने एकत्रित किया था।

देहरादून से भी पकड़े जा चुके हैं आतंकी

  • उत्‍तराखंड की राजधानी देहरादून से भी आतंकी पकड़े जा चुके हैं।
  • दिसंबर 2010 में आइएमए की परेड से पहले हिजबुल के दो आतंकी पकड़े गए थे। जिससे हड़कंप मच गया।
  • वहीं इससे पहले वर्ष 2008 में भी देहरादून से एक आतंकी पकड़ा गया था जो यहां रहकर एक इंस्‍टीट्यूट से पढ़ाई कर रहा था।
  • इस वर्ष बीती 13 अगस्‍त 2022 को जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के आतंकी नदीम को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से यूपी एटीएस (UP ATS) ने गिरफ्तार किया गया था।
  • नदीम 2019 में देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में रहा था। नदीम के बड़े भाई की सेलाकुई में ही परचून की दुकान थी।
  • नदीम फिदायीन हमला करने की फिराक में था। वह 15 अगस्त को कोई बड़ी वारदात कर सकता था।
  • नदीम कई आतंकी संगठनों से जुड़ा था। वह वाट्सएप और टेलीग्राम आदि इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से आतंकी ट्रेनिंग ले रहा था।

आतंकी कनेक्शन को लेकर अक्‍सर सुर्खियों में रहता है पंतनगर

अब तक तीन बार पंतनगर का आतंकी कनेक्शन सामने आ चुका हैं। पहली बार वर्ष 2008 में पंतनगर से कैमरी रामपुर (यूपी) निवासी एक लाख रुपये के इनामी आतंकी को गिरफ्तार किया गया था। शरण देने के आरोप में नफीस खान को भी हिरासत में लिया गया था।

वर्ष 2020 में बरेली से आतंकी इनामुल हक को पंतनगर से गिरफ्तार किया गया था। इनामुल हक पंतनगर के झा कालोनी में ही पैदा हुआ था और 2015 में उसने झा कालोनी मंदिर में मूर्तियां खंडित की थी।

तीसरी बार एसटीएफ व पुलिस ने पठानकोट बम ब्लास्ट के आरोपियों को शरण देने के आरोप में पंतनगर से चार लोगों को मय पिस्टल व कार के गिरफ्तार किया था।

दिल्ली पुलिस ने ऊधमसिंह नगर में 2001-02 में किराए पर रह रहे तीन आतंकियों को ढेर किया था। इससे पहले 90 के दशक में रुद्रपुर शहर में आतंकियों ने अलग-अलग स्थानों पर तीन बम विस्फोट किए थे।

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By admin

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