आप सभी को शरद पूर्णिमा (09.10.2022) तथा कार्तिक मास की बधाई…..
यह मास ‘दामोदर मास’ के नाम से भी जाना जाता है तथा यह राधारानी का का अत्यंत प्रिय मास है | इस महीने हम सब किसी न किसी प्रकार का नियम लेते हैं जिसे नित्यप्रति पूरे महीने तक निर्वहन करना होता है |
अत: इस महीने हम लोग अधिक से अधिक हरिनाम करते हुए निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहते हैं …….
1. प्रतिदिन सांय को दीपदान करते हुए निम्नांकित आकाश-दीपदान मंत्र का पाठ (2 minute)
दामोदराय नभसि तुलायां लोलया सह |
प्रदीपन्ते प्रयच्छामि नमो अनंताय वेधसे ||
(स्कंद पुराण)
हे दामोदर! कार्तिक मास में आकाश में श्रीराधिका के सहित आपको प्रदीप दान करता हूँ; हे अनन्त! हे विधाता! आपको नमस्कार है।
2. प्रतिदिन कार्तिक के अंत तक अर्थात् 8 नवंबर 2022 तक दामोदराष्टकम् का पाठ,
3. हम गीता के 12वें अध्याय का संस्कृत में मूल पाठ करेंगे,
4. हमने कुछ समय पहले श्रीमद्भागवत पुराण के दशम स्कन्ध में
5. कार्तिक मास में छोड़ने योग्य खाद्य पदार्थ –
बैंगन, सेम, लोभिया, लौकी, परवल, उड़द, शहद, टमाटर तथा सरसों का तेल
इसके अतिरिक्त बहुत विनम्र भाव आपसे अपने हृदय की बात निवेदन करना चाहता हूं कि……..हम इस महीने गीता में भगवान् के द्वारा दी गई आज्ञा के अनुसार केवल एक बात का परहेज करेंगे और वह है परदोषदर्शन तथा परनिंदा से बचना |
परस्य निन्दां पैशुन्यं धिक्कारं च करोति य: |
तत्कृतं पातकं प्राप्य स्वपुण्यं प्रददाति स: || (पद्म पुराण)
यदि हम इस एक महीने के लिए इस प्रकार का आचरण कर पाए तो निश्चित रूप से हमें पारमार्थिक लाभ प्राप्त होगा |
इन सब नियमों के पालन करने का एक ही उद्देश्य है – श्रीकृष्ण की प्रसन्नता जिससे हम स्वयं को उनकी अहैतुक कृपा का पात्र बना सकें | अतः आप सभी से करबद्ध अनुरोध है कि आप यथाशक्ति इन नियमों का पालन करने की चेष्टा करें |
संचिता मणि त्रिपाठी