उत्तराखंड वासियों के लिए अच्छी खबर है। अब ट्रांसप्लांट के मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। राजधानी देहरादून के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब किडनी ट्रांसप्लांट (गुुर्दा प्रत्यारोपण) की सुविधा भी शुरू होने वाली है। इसके लिए कॉलेज प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने दून मेडिकल कॉलेज को स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट (सोटो) सेंटर के लिए मंजूरी दे दी है। यह सुविधा शुरू होने से अब मरीजों को निजी अस्पतालों के महंगे इलाज पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जिन्हें किसी अंग के प्रत्यारोपित कराने की जरूरत है या फिर कोई अंग डोनेट करना चाहता है। अब दिल, लिवर, रेटीना, किडनी ट्रांसप्लांट की मंजूरी के लिए चंडीगढ़ की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी । बताया जा रहा है कि दून अस्पताल में नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट (नोटो) के तहत सोटो की स्थापना की जा रही है। अभी तक चडीगढ़ में रोटो से अनुमति के लिए जाना पड़ता था। लेकिन केंद्र सरकार ने स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट (सोटो) सेंटर के लिए मंजूरी दे दी है। इसके इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 36 लाख एवं ट्रेनिंग, प्रचार-प्रसार आदि के लिए 16.4 लाख का बजट भी जारी करने संबंधी मेल प्राप्त हो गया है। अगले पंद्रह दिन या एक माह में इसको शुरू करने की योजना है।
गौरतलब है कि कॉलेज स्तर पर सोटो के लिए प्राचार्य डॉ. सयाना, फार्माकोलॉजी के एचओडी डॉ. संजय गौड़ ने काफी प्रयास किए। दून अस्पताल में यूरोलॉजी की ओपीडी एवं ओटी चल रही है। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दो ओटी बनाई जा रही हैं। जगह चिन्हित हो गई है। जल्द सुविधा शुरू करने का प्रयास है। कुछ डॉक्टर हैं। अन्य तलाशे जा रहे हैं। सोटो की एक कमेटी का गठन भी किया जा रहा है। जिसमें एक संयुक्त निदेशक स्तर का डॉक्टर, एक आईईसी या मीडिया कंसलटेंट, एक ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर डॉक्टर, एक डाटा एंट्री मैनेजर रहेगा।
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