भारत-पाकिस्तान की सरहदों पर कड़वाहट भले ही हो, लेकिन आज भी कहीं न कहीं भारत-पाकिस्तान के नागरिकों के दिलों के रिश्त जुड़े हुए हैं. यह रिश्ते इतने गहरे हैं कि आज भी बहन बेटियों की शादी का सिलसिला दोनों देशों के बीच जारी है. विवाह हो रहे हैं.
दरअसल, जोधपुर के मुजम्मिल खान का निकाह पाकिस्तान की उरूज फातमा के साथ दो जनवरी को ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ था. उरूज पाकिस्तान के मीरपुरखास की रहने वाली हैं. वहीं अब दुल्हन निकाह के 138 दिन बाद अपने ससुराल पहुंची है. घर में खुशियों का माहौल है. मेहमानों का आना जाना लगातार जारी है. आस-पास के लोग पाकिस्तान से आई दुल्हन को देखने के लिए पहुंच रहे हैं.
‘गजेंद्र सिंह शेखावत की मदद से मिला वीजा’
वहीं दुल्हा मुजम्मिल खान के दादा भाले खान मेहर ने बताया कि पाकिस्तान से दुल्हन को भारत लाने के पीछे वीजा नहीं मिलने के कारण देरी हुई. पाकिस्तान से विदाई इसी वजह से देरी हो गई थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मदद से दुल्हन अपने ससुराल भारत आ पाई है. भाले खाने ने आगे बताया कि दुल्हन भारत पहुंचकर बहुत खुश है.
बता दें कि भाले खान मेहर सिविल कॉन्ट्रेक्टर हैं, उन्होंने बताया कि अपने पोते का रिश्ता पाकिस्तान में किया था लेकिन ट्रेन बंद होने की वजह से वहां नहीं जा पा रहे थे और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते हवाई सफर करने में असमर्थ थे, फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोनों का निकाह हुआ और अब वीजा मिलने के बाद दुल्हन भारत आ सकी है.
‘समय के साथ हुआ बदलाव’
दूल्हा के दादा ने ये भी बताया कि समय के साथ बदलाव होना जरूरी है. कोरोना महामारी के बाद ऑनलाइन आयोजन का सिलसिला बढ़ गया है. कोरोना काल के बाद पाकिस्तान आना-जाना महंगा और जोखिम भरा हो गया है. पोते का पाकिस्तान में रिश्ता किया हुआ था. चिंता बढ़ गई कि पाकिस्तान बारात कैसे लेकर जाए. भारत-पाक थार एक्सप्रेस बंद हो गई. ऑनलाइन निकाह का आइडिया अच्छा लगा. हमने ऑनलाइन निकाह भी लिया. मेरे पोते की बहू जोधपुर पहुंच गई. पाकिस्तान की बेटी निकाह पढ़ने के 138 दिन भारत अपने ससुराल पहुंची.
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