कर्नाटक में कांग्रेस को शानदार जीत मिली है. 36 वर्षो में पहली बार कांग्रेस को कर्नाटक में इतनी बड़ी जीत मिली है. कांग्रेस ने 136 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं बीजेपी को 65 सीटें मिली हैं. जेडीएस को 19 सीटें और निर्दलियों को 4 सीटें मिली हैं. दरअसल, 10 मई को राज्य की 224 सीटों पर 73.19 प्रतिशत मतदान हुआ था. पिछले 38 साल के दौरान राज्य में सत्ता बदलने का इतिहास रहा है, जो इस बार भी जारी है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जनता दल सेक्युलर को 37 सीटों पर जीत मिली थी.
कर्नाटक में इस बार जिस तरह से धार्मिक ध्रुवीकरण का दांव खुलकर खेला गया, ऐसे में सभी की नजर राज्य की मुस्लिम बहुल सीटों के चुनावी नतीजों पर थी. यहां कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवारों की बंपर जीत हुई है. दरअसल, कर्नाटक में मुसमलानों की आबादी करीब 13 फीसदी से ज्यादा है. राज्य में लगभग 20 से 23 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम वोट काफ़ी महत्वपूर्ण हैं. मुस्लिम समुदाय से पिछली बार केवल 7 विधायक चुनाव जीत कर आए थे और वो सभी कांग्रेस पार्टी से थे. कांग्रेस और जेडीएस दोनों पार्टियों ने मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है, लेकिन मुस्लिम बनाम मुस्लिम की लड़ाई नहीं बन सकी.
कांग्रेस के विजयी मुस्लिम प्रत्याशी
1. रहीम खान – बीदर
2. रिजवान अरशद – शिवाजीनगर
3. एन.ए. हारिस – शांति नगर
4. जमीर अहमद खान – चामराजपेट
5. इकबाल हुसैन हा – रामनगरम
6. यू.टी. अब्दुलखदर – मैंगलोर (उल्लाल)
7. तनवीर सैत – नरसिम्हाराजा
8. अब्दुल हमीद कलासाहेब – बीजापुर शहर
9. मोहम्मद शालम – रायचूर
10. आसिफ सैत – बेलगाम उत्तर
कर्नाटक में मुस्लिम प्रतिनिधित्व
कर्नाटक विधानमंडल में मुस्लिम समुदाय के 7 विधायक पिछली बार जीते थे जो राज्य में पिछले एक दशक में सबसे कम मुस्लिम प्रतिनिधित्व था. 2008 में राज्य में 9 मुस्लिम विधायक चुने गए थे. 2013 में 11 मुस्लिम उम्मीदवार जीते, 9 कांग्रेस से और 3 जेडीएस से जीते थे. उच्चतम मुस्लिम प्रतिनिधित्व 1978 में था, जिसमें 16 मुस्लिम जीते थे और सबसे 1983 में सिर्फ 2 मुस्लिम विधायक जीतकर आए थे.
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