नोएडा के डॉक्टर सिद्धार्थ को पीटने के बाद चर्चा में आए करौली सरकार डॉ. संतोष सिंह भदौरिया ने भक्तों की आस्था की आड़ में अंधी कमाई का सिलसिला जारी कर रखा है। बाबा के करीबी सूत्रों के अनुसार इस अंधी कमाई को करौली सरकारी प्लाटिंग और प्रॉपर्टी के कारोबार में लगाता है। शहर समेत आसपास के जिलों में भी बाबा ने बीघों में जमीनें खरीद रखी हैं, जिसमें उसका पैसा लगा है।
सूत्र बताते हैं कि बाबा संतोष ने लवकुश आश्रम से होने वाली कमाई को ठिकाने लगाने के लिए बिधनू पिपरगवां, सनिगवां, महाराजपुर, पाली के साथ ही उन्नाव, नोएडा और फतेहपुर में भी कई बीघे जमीन में निवेश किया है। जमीन के खरीदा फरोख्त का काम बाबा के स्थानीय व आसपास इलाकों में रहने वाले लोग देखते हैं।
सूत्रों के अनुसार बाबा का यह धंधा किसी को नजर न आ सके इसके लिए वह किसी भी प्रॉपर्टी को अपने नाम पर नहीं लेता। इसके बाद भी इससे होने वाले फायदे के अधिकांश हिस्से पर बाबा का अधिकार होता है। हाल ही में बाबा द्वारा पाली में 16 बीघे जमीन का सौदा अप्रत्यक्ष रूप से करवाने की भी चर्चा जोरों पर है।
बाबा के करीबियों की मानें तो करौली सरकार का प्रॉपर्टी का काम उसके 12 करीबी लोगों केहवाले है। उनका काम परते की जमीन को देखकर कर फायदे का सौदा होने पर बाबा को बताने का है। इसके बाद बाबा अपने करीबियों की मदद से उन जमीनों को खरीदकर उनमें अपने रुपये का निवेश कराता है।
तीन दिवसीय विशाल हवन का आयोजन
करौली गांव में ग्रामीणों के बीच इस वक्त लवकुश आश्रम में आगामी पांच अप्रैल से तीन दिवसीय विशाल हवन का आयोजन किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार करौली सरकार ने गांव को श्रापित बताया है। उसे श्राप से मुक्त कराने के लिए ग्रामीणों के सहयोग से भव्य हवन का आयोजन किया जा रहा है।
डेढ़ बीघा जमीन चर्चा की कहानी
वहीं, कुछ लोगों में हवन के पीछे आश्रम से सटी करीब डेढ़ बीघे जमीन की कहानी की चर्चा है। इसके अनुसार बाबा जमीन खरीदना चाहते थे, लेकिन किसान ने इंकार कर दिया। बाबा के दबाव बनाने पर करीब तीन माह पूर्व किसान ने आश्रम के बाहर हंगामा किया था।
ग्रामीणों पर दबाव बनाने का प्रयास किया
इससे गुस्साए बाबा ने गांव को श्रापित बता दिया और आश्रम में आने वाले भक्तों को गांव में किराये पर मिलने वाले किसी भी जगह या कमरे में रुकने से मना कर दिया। इससे ग्रामीणों का अच्छा खासा चल रहा व्यापार चौपट हो गया। सूत्रों के अनुसार बाबा डेढ़ बीघे जमीन को कब्जाने के लिए ग्रामीणों पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है।
कैश काउंटरों से बाबा ने हटाई स्थानीय कर्मचारियों की ड्यूटी
कानपुर के लवकुश आश्रम के अंदर की सूचनाएं लीक होने पर कर्मचारियों के मोबाइल जब्त कराने के बाद अब कैश काउंटरों पर लगने वाली स्थानीय कर्मचारियों की ड्यूटी भी हटा दी है। सूत्रों के अनुसार डॉक्टर के साथ किए गए व्यवहार को लेकर मीडिया में छाए करौली सरकार ने आश्रम में काम करने वाले कर्मचारियों के दिशा निर्देश जारी किए हैं।
आश्रम के अंदर की सूचनाएं लीक होने के बाद की सख्ती
आश्रम के अंदर की बातें बाहर जाने पर सख्त रोक लगाई गई है। पहले चरण में आश्रम के अंदर प्रवेश करने वाले सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन जमा कराए गए थे। आश्रम की आय को लेकर लीक हो रही खबरों के बाद अब कैश काउंटरों को काम करने वाले कर्मचारियों की ड्यूटी बदल दी गई है। नए युवकों को सख्त आदेशों के बाद ड्यूटी पर लगया गया है।
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