देहरादून: गैरसैंण में बजट सत्र के बाद विधानसभा के पटल पर कैग की रिपोर्ट रखी गई. कैग की रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं. कैग ने राज्य के 55 विभागों, 32 सार्वजनिक उपक्रमों और 53 दूसरी संस्थाओं की राजस्व वसूली और भुगतान की रिपोर्ट पेश की. जिसमें पाया गया कि बागेश्वर और चमोली के जिला खनन अधिकारियों ने अवैध खनन भंडार पर जुर्माना नहीं लगाया. जिसके कारण 1.24 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई है.
कैग ने राज्य में खनन की चोरी को लेकर भी कई सवाल उठाये हैं. राज्य के देहरादून में तीन जगहों पर कैग को अवैध खनन के प्रमाण मिले हैं. देहरादून में सरकार की निर्माण एजेंसियों ने 37.17 लाख मीट्रिक टन अवैध खनन सामग्री का उपयोग किया. कैग ने अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा कि सरकारी अधिकारी ही अवैध खनन पर रोक लगाने में नाकाम रहे. जिसके कारण राज्य में धड़ल्ले से अवैध खनन हुआ. जिसके कारण राज्य को भारी नुकसान हुआ है.
साथ ही कैग की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण हेली कंपनियों से परिचालन शुल्क के रूप में 2.69 करोड़ रुपये की राशि वसूल करने में विफल रहा है. जिसके कारण राज्य को राजस्व की हानि हुई है. इतना ही नहीं अधिकारियों व कर्मचारियों की उदासीनता के कारण कमजोर आंतरिक नियंत्रण से हेली कपंनी को 64 करोड़ का दो बार भुगतान किया गया. गणमान्य लोगों को हेलिकॉप्टर सेवाएं देने के संबंध में मूलभूत अभिलेख, पंजिका व स्वीकृतियां का रखरखाव तक नहीं था.
बता दें वर्ष 2019-20 के दौरान 770 प्रकरणों में 982.07 करोड़ रुपये की वसूली नहीं हो पाई, सिर्फ 83 प्रकरणों में कुल 2.57 करोड़ रुपये वसूले जा सके थे. इसी तरह 2020-21 में 531 प्रकरणों में 404.64 करोड़ की वसूली नहीं हो पाई. इस वर्ष 109 प्रकरणों में 1.87 करोड़ रुपये ही वसूल किए जा सके.
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