माफिया अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बेटों को बाल सुधार गृह में भेजा गया है। शनिवार को धूमनगंज थाने की पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में रिपोर्ट पेश की है। पुलिस ने कोर्ट को बताया, एजम और अबान खुल्लाबाद पुलिस टीम को चकिया में टहलते हुए मिले थे। दोनों को खुल्लाबाद पुलिस ने पकड़कर 2 मार्च को ही बाल सुधार गृह में भेज दिया था।
3 मार्च यानी शुक्रवार को भी कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें पुलिस की ओर से दाखिल रिपोर्ट पर सीजेएम कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि अतीक के नाबालिग बेटे एजम और अबान के मामले में थाने ने अधूरी रिपोर्ट दाखिल की थी। इस पर शनिवार को धूमनगंज पुलिस ने पूरी रिपोर्ट दोबारा पेश की।
अशरफ पर 2015 में दो लोगों की हत्या का षडयंत्र रचने का आरोप
वहीं, अतीक के भाई अशरफ की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह याचिका खारिज की है। जिले की धूमनगंज थाना क्षेत्र में अशरफ साल 2015 में दो लोगों की हत्या का षडयंत्र रचने का आरोपी है।
इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक राजू पाल व दो सुरक्षा गार्डों की हत्या के आरोपी फरहान की जमानत निरस्त कर दी है। कोर्ट ने ये आदेश 24 फरवरी को मारे गए उमेश पाल की जमानत रद्द करने की अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया है। फरहान को 24 नवंबर 2005 में सत्र अदालत ने जमानत दी थी।
कहां हैं अतीक के भाई अशरफ की बीवी-बेटी?
उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक का परिवार प्रयागराज पुलिस पर एक के बाद एक आरोप लगा रहा है। अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ की पत्नी जैनब और उसकी बेटी के भी लापता होने का मामला सामने आया है। बरेली जेल में बंद अशरफ के ससुर यानी जैनब के पिता का आरोप है कि 28 फरवरी को धूमनगंज पुलिस दोनों (बेटी और नाती) को पूछताछ के नाम पर हिरासत में ले गई थी।
वहीं, प्रयागराज पुलिस ने कहा है कि उन्होंने न तो जैनब और न उनकी बेटी को हिरासत में लिया है और न ही घर से उठाया है। अशरफ अभी बरेली जेल में बंद है। ऐसे में अब यह सवाल और गहराता जा रहा है कि आखिर अशरफ की पत्नी और बेटी कहां हैं?
जैनब के पिता ने CJM कोर्ट में दिया था प्रार्थना पत्र
जैनब के पिता मंसूर अहमद ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि पुलिस 28 फरवरी की रात बेटी और नातिन को उनके घर यानी मायके से अवैध तरीके से हिरासत में ले गई थी। जैनब का मायका भी धूमनगंज के पुरामुफ्ती इलाके में हैं।
शुक्रवार को CJM कोर्ट में मंसूर अहमद के प्रार्थना पत्र की सुनवाई हुई। धूमनगंज पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को दिए जवाब में बताया कि जैनब और उनकी बेटी को न थाने में पर बैठाया गया है। न ही हिरासत में लिया है।
शाइस्ता की अर्जी पर पुलिस की दो टूक, हम आपके बेटों को लेकर नहीं आए
इससे पहले, अतीक की पत्नी शाइस्ता ने अपने दोनों नाबालिग बेटे एजम और अबान को लेकर 27 फरवरी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां अर्जी दी थी। इसमें कहा कि 24 फरवरी 2023 की शाम 6 बजे उनके दोनों नाबालिग बेटों एजम और अबान को पुलिस पकड़कर अपने साथ ले गई है।
तब से मेरे दोनों बेटों का कुछ पता नहीं चल रहा है। न ही पुलिस उनके संबंध में कोई जानकारी दे रही है। इसमें गुरुवार यानी 2 मार्च को सुनवाई हुई। इसमें धूमनगंज पुलिस ने शाइस्ता के आरोपों का खंडन किया। कहा कि एजम और अबान को पुलिस अपने साथ नहीं ले गई थी।
धूमनगंज इंस्पेक्टर को रिपोर्ट देने के आदेश
उधर, 3 मार्च यानी शुक्रवार को भी कोर्ट में दोनों प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। इसमें पुलिस की ओर से दाखिल रिपोर्ट पर सीजेएम कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि अतीक के नाबालिग बेटे एजम और अबान के मामले में थाने ने अधूरी रिपोर्ट दाखिल की थी।
दोबारा रिपोर्ट मांगने पर भी कोर्ट में रिपोर्ट नहीं दाखिल की गई। दोनों मामले में धूमनगंज इंस्पेक्टर को कोर्ट में अपनी आख्या देने का आदेश दिया गया है। वहीं, पुलिस का कहना है कि उमेश पाल हत्याकांड मामले की विवेचना थाना प्रभारी धूमनगंज कर रहे हैं। वह विवेचना के संबंध में बाहर हैं।
24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल और उनके दो गनर की हत्या
24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शूटआउट में हत्या कर दी गई। हमले में उमेश के दो गनर की भी मौत हो गई। दिनदहाड़े हुए इस हत्याकांड का आरोप अतीक अहमद पर लगा। पुलिस ने एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। इसमें अतीक का तीसरे नंबर का बेटा असद नजर आ रहा था। असद अभी फरार चल रहा है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
अतीक-अशरफ को सता रहा एनकाउंटर का डर
उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाए गए अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ को एनकाउंटर का डर सता रहा है। दोनों ओर से उनके वकील ने प्रयागराज के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया है कि उनकी उमेश पाल हत्याकांड मामले में पूछताछ के लिए न्यायिक अभिरक्षा रिमांड न दी जाए। अगर पुलिस को वारंट B के तहत पुलिस अभिरक्षा दी गई तो उनकी हत्या कराई जा सकती है। पुलिस के अधिकारी न्यायालय को धोखे में रखकर साजिश के तहत अभिरक्षा चाहते हैं।
शाइस्ता भी CM को लिख चुकी हैं पत्र
शाइस्ता परवीन ने CM योगी को भी पत्र लिखा है। पत्र में CM योगी से उमेश पाल हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। यह आशंका भी जताई है कि उनके बेटों और शौहर अतीक अहमद की हत्या हो सकती है। अतीक अहमद के अधिवक्ता खान सौलत हनीफ ने दैनिक भास्कर को बताया कि यह पत्र शाइस्ता परवीन की ओर से सीएम के पोर्टल पर भेजा गया है। अभी हाल ही में बसपा से जुड़ीं शाइस्ता परवीन ने लिखा है कि इस हत्याकांड से उसके परिवार का कोई लेना देना नहीं है। शाइस्ता ने योगी आदित्यनाथ से इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है अतीक की सुरक्षा का मामला
अतीक के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें अहमदाबाद जेल से यूपी की जेल में प्रस्तावित ट्रांसफर का विरोध किया गया है। इसमें कहा गया है कि यूपी सरकार के कुछ मंत्रियों के बयान से ऐसा लगता है कि उनका फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है। वकील ने अतीक की सुरक्षा पर सवाल उठाए।
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