चीन के ‘जासूसी गुब्‍बारे’ (Spy Balloon) की दुनियाभर में चर्चा है. हाल में उसके एक विशाल गुब्‍बारे को अमेरिका ने आसमान में लड़ाकू विमान से तब मार गिराया था, जब अमेरिकी डिफेंस एक्‍सपर्ट्स ने यह दावा किया था चीन उसके जरिए जासूसी कर रहा था. इस घटना के बाद दोनों देशों में तेजी से तनाव बढ़ गया था.

डिफेंस एक्‍सपर्ट्स ने कहा कि चीन पहले भी अपनी ऐसी तकनीक के जरिए कई देशों की जासूसी कर चुका है. उन देशों में भारत और जापान भी हैं. वहीं, अब ऑस्ट्रेलिया से बड़ी खबर आई है. ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बेनीस ने कहा है कि उनके यहां डिफेंस साइट से चाइनीज सर्विलांस कैमरा हटाए जाएंगे. यह फैसला ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए किया गया है.

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने लिया चीन को परेशान करने वाला फैसला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई सरकार अपनी डिफेंस साइट से चीन में बने सिक्‍योरटी कैमरों को हटाएगी, क्‍योंकि उनसे जासूसी का खतरा है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक ऑडिट में हिकविजन और दहुआ कंपनियों द्वारा सरकारी संपत्तियों पर बनाए गए 900 सर्विलांस उपकरण पाए गए हैं.

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बेनीस ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कैमरों को हटाने से चीन के साथ राजनयिक संबंधों पर असर पड़ेगा. प्रधान मंत्री ने कैनबरा में कहा, “हम ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय हित के अनुसार कार्य करते हैं, इसमें हमारी ट्रांसपेरेंसी है, हम ऐसा करते रहेंगे.”

ऑस्‍ट्रेलिया में 900 से ज्‍यादा चाइनीज कैमरों की पहचान हुई 

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में शैडो साइबरसिक्‍योरटी मिनिस्‍टर, जेम्स पैटर्सन द्वारा किए गए निगरानी उपकरणों की एक ऑडिट ने पुष्टि की है कि चीनी कंपनियों हिकविजन और दहुआ द्वारा निर्मित 900 से अधिक उत्पाद सरकारी स्थानों पर स्थापित हैं. रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने गुरुवार को बताया कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार रक्षा विभाग के कार्यालयों में उपयोग की जाने वाली निगरानी तकनीक की जांच करेगी. रिपोर्टें सामने आई हैं कि सरकारी भवनों में चीनी निर्मित कैमरे लगाए गए हैं जो सुरक्षा जोखिम पैदा करते हैं.

रिचर्ड मार्लेस ने कहा, “यह एक बड़ा इशु है और… हम रक्षा (विभाग) के भीतर निगरानी के लिए सभी प्रौद्योगिकी का आकलन कर रहे हैं और जहां ऐसे कैमरे पाए जाएंगे, उन्हें हटा दिया जाएगा.” द गार्जियन ने मंत्री के हवाले से कहा, “250 से अधिक सरकारी भवनों में कम से कम 913 कैमरे लगाए जाने की रिपोर्ट के बाद सर्विलांस टेक्‍नोलॉजी का एक ऑडिट शुरू किया गया है.”

उन्‍होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि हमें इसे बढ़ा-चढ़ाकर कहना चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि मूल्यांकन करना और यह सुनिश्चित करना सही है कि हम इससे निपटें और यही हम करने जा रहे हैं. मार्लेस ने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों की पहचान की गई थी और सरकार उन्हें “ठीक” करने के लिए दृढ़ थी, हालांकि उन्होंने कोई टाइमलाइन नहीं दी.

5G ब्रॉडबैंड नेटवर्क पर चीन से चल रही बात

वहीं, खबरें हैं कि ऑस्ट्रेलिया और चीन अपने 5G ब्रॉडबैंड नेटवर्क से चाइनीज टेक्‍नोलॉजी की प्रमुख कंपनी हुआवेई पर प्रतिबंध लगाने के 2018 के ऑस्ट्रेलियाई फैसले से बाधित हुए राजनयिक संबंधों को सुधारना चाह रहे हैं. इससे पहले कोरोनावायरस उत्पत्ति की एक स्वतंत्र जांच के लिए की जा रही ऑस्ट्रेलिया की मांग से दोनों देशों के रिश्‍तों में तल्‍खी आ गई थी. तब चीन ने कई ऑस्ट्रेलियाई वस्तुओं पर टैरिफ-रूल्‍स थोप दिए थे.

ब्रिटेन की सरकार ने भी लिया था ऐसा फैसला

अब ऑस्‍ट्रेलियाई सरकार चाइनीज कैमरों को हटाने जा रही है. इस डर से कि डिवाइस का डेटा चीनी सरकार द्वारा एक्सेस किया जा सकता है, पिछले साल, यूके और यूएस द्वारा भी इसी तरह के कदम उठाए गए थे.

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