भारत पाकिस्तान युद्ध के हीरो अमर शहीद मेजर आशाराम त्यागी जी महावीर चक्र के जन्मदिन पर आज त्यागी कल्याण एवं विकास समिति रुड़की के पदाधिकारियों ने उनके स्मारक पर एक कार्यक्रम का आयोजन कर उनके मूर्ति पर माल्यार्पण किया।
हरिद्वार/उत्तराखंड
रुड़की।त्यागी कल्याण एवं विकास समिति रुड़की के उपाध्यक्ष प्रदीप त्यागी ने कहा कि 1965 के युद्ध में जाट रेजीमेंट को कमांड करते हुए मेजर आशाराम त्यागी ने को लाहौर जीतने से पहले डोगराई कस्बे पर कब्जा करने का टास्क दिया गया। एकदम होने के बावजूद मेजर आशाराम त्यागी जी डोगराई कस्बे पर तिरंगा फहरा कर लाहौर विजय का मार्ग प्रशस्त किया। घायल होने के बावजूद उन्होंने अपने पलटन का मनोबल कमजोर नहीं होने दिया और मोर्चे पर विजय प्राप्त की।
अस्पताल में नर्स से उनके आखिरी शब्द थे ,”सिस्टर मेरी मां से जाकर कह देना कि उनके बेटे ने दुश्मन की गोली सीने पर खाई है, पीठ पर नहीं।”
समिति के अध्यक्ष डॉ राकेश त्यागी ने ऐसे जांबाज विद्रोह से अपने आगामी पीढ़ी को भी अवगत कराने का आह्वान किया। संरक्षक जे डी त्यागी ने भी उन्हे देश का गौरव बताते हुए नई पीढ़ी को उनके दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
समाज के उपाध्यक्ष सूबेदार श्याम कुमार त्यागी, सूबेदार बृजेश त्यागी, आदेश त्यागी, अक्षय त्यागी,मुकेश त्यागी, सुशील त्यागी, विकास त्यागी, आयुष त्यागी, अनंत त्यागी, गुरुदत्त त्यागी, नरोत्तम त्यागी, उमेश त्यागी, सतीश त्यागी ,राकेश त्यागी, आदि पूर्व सैनिकों तथा त्यागी समाज के कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला।
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