तस्लीम बेनक़ाब पत्रकार जरूरतमंदों को रक्तदान कर निभा रहे मानवता का धर्म!

35 बार रक्त दान कर चुके तस्लीम बेनक़ाब,जीवन बचाने से बड़ा कोई कार्य नहीं हो सकता ..

मुज़फ्फरनगर।रक्तदान ऐसा दान है जो दूसरों को जीवन देता है। इस मुहिम में कुछ लोग ऐसे हैं जो निस्वार्थ जीवन बचाने का कार्य कर रहे हैं। फिर खून का रिश्ता न होते हुए भी अपनों की तरह से रिश्ते को निभाते हैं। जिंदगी बचाने के लिए बिना जान पहचान के रक्तदान करते हैं। महादानियों के जीवन का लक्ष्य ही दूसरों की जिदंगी बचाना है।जहां एक ओर लोग रक्त दान करने से डरते हैं तो वहीं दूसरी ओर बेनक़ाब अपराधी पत्रकार के संपादक तस्लीम बेनक़ाब दूसरों की जान बचाने का संकल्प लेकर सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंचकर जरूरत मंदों को रक्तदान कर मानवता का धर्म निभा रहे हैं।तस्लीम बेनक़ाब अभी तक 35 बार रक्त दान कर चुके है।

 

,

तस्लीम बेनक़ाब का केहना हैं कि जीवन बचाने से बड़ा कोई कार्य नहीं हो सकता है!एक व्यक्ति की जिंदगी अगर आपकी वजह से बच जाए तो समझिए की आपने बहुत बड़ी जीत हासिल कर ली है।उन्होंने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व एक व्यक्ति ने रक्त की अभाव में दम तोड़ दिया था जब यह जानकारी हुई तो बड़ा दुख हुआ। इसके बाद यह ठान लिया कि ब्लड के अभाव में किसी की जान नहीं जाने देंगे। पिछले कई सालो से रक्तदान कर रहें। जरूरत पड़ने पर दूसरों को प्रेरित करके रक्तदान के लिए ब्लड बैंक पहुंचा चुके हैं।

"
""
""
""
""
"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *