लखनऊ : राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में छात्र न सिर्फ मशीनों की मरम्मत या पारंपरिक स्किल्स सीखेंगे, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी और नई तकनीकों में भी महारत हासिल करेंगे। प्रदेश में दस लाख लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विशेषज्ञ बनाने के लिए एआइ प्रज्ञा कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसकी शुरुआत आइटीआइ अलीगंज से हुई है।
आइटी व इलेक्ट्रानिक्स विभाग की विशेष सचिव व सेंटर फार ई-गवर्नेंस की राज्य समन्वयक नेहा जैन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह युवाओं को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करेगा। प्रदेश के अन्य आइटीआइ में भी इसे शुरू किया जाएगा।
एआइ प्रज्ञा वन मिलियन फार वन बिलियन संस्था के सहयोग से चलाया जा रहा है। पहले चरण में सौ से अधिक छात्र-छात्राओं को एआइ, साइबर सुरक्षा और उभरती तकनीकों पर आधारित प्रोजेक्ट आधारित व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एआइ प्रज्ञा वन मिलियन फार वन बिलियन संस्था के सहयोग से चलाया जा रहा है। पहले चरण में सौ से अधिक छात्र-छात्राओं को एआइ, साइबर सुरक्षा और उभरती तकनीकों पर आधारित प्रोजेक्ट आधारित व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
स्मार्ट क्लास से बदल रहे शहरी परिषदीय स्कूल
नगर विकास विभाग ने प्रदेश के शहरी परिषदीय स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाया है। विभाग ने 324.56 करोड़ रुपये की लागत से 2,700 से अधिक स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना शुरू की, जिनमें 1,780 कक्षाएं अब पूरी तरह संचालित हो रही हैं।
नगर विकास विभाग ने प्रदेश के शहरी परिषदीय स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाया है। विभाग ने 324.56 करोड़ रुपये की लागत से 2,700 से अधिक स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना शुरू की, जिनमें 1,780 कक्षाएं अब पूरी तरह संचालित हो रही हैं।
स्मार्ट सिटी योजना के तहत सर्वाधिक 1,183 क्लास रूम बनाए गए, जिनमें से 1,088 चालू हैं। ‘कायाकल्प’ और ‘आकांक्षी नगर’ योजना सहित अन्य योजनाओं से भी यह अभियान तेज हुआ है। स्मार्ट क्लास में डिजिटल बोर्ड, हाई-स्पीड इंटरनेट और मल्टीमीडिया कंटेंट जैसी सुविधाएं दी गई हैं, जिससे छात्रों की उपस्थिति और सीखने की क्षमता में सुधार हुआ है।
प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि इन प्रयासों से परिषदीय स्कूलों में नामांकन दर 59.6 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो राष्ट्रीय औसत से 15 प्रतिशत ज्यादा है। आगे 398 और कक्षाओं को मंजूरी दी गई है। यह पहल न सिर्फ छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बना रही है, बल्कि शहरी शिक्षा का स्तर भी ऊंचा उठा रही है।
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प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि इन प्रयासों से परिषदीय स्कूलों में नामांकन दर 59.6 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो राष्ट्रीय औसत से 15 प्रतिशत ज्यादा है। आगे 398 और कक्षाओं को मंजूरी दी गई है। यह पहल न सिर्फ छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बना रही है, बल्कि शहरी शिक्षा का स्तर भी ऊंचा उठा रही है।