लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में दाखिले की घटती संख्या को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि 2023-24 में प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 1.74 करोड़ दाखिले हुए थे, लेकिन 2024-25 में यह संख्या घटकर 1.52 करोड़ रह गई, यानी करीब 22 लाख की गिरावट आई है।
उन्होंने इसे सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति बताया और कहा कि सरकार को शिक्षा के महत्व पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। मायावती ने यह भी कहा कि जहां एक ओर गरीब परिवारों के बच्चों के लिए सरकारी स्कूल ही एकमात्र विकल्प हैं, वहीं दूसरी ओर निजी मदरसों को बंद करना भी एक अनुचित कदम है। इससे सस्ती और सुलभ शिक्षा और कमजोर होगी, जबकि शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि जिन वर्षों का हवाला दिया गया है, वे गलत हैं।
स्कूल महानिदेशक कंचन वर्मा के अनुसार, वर्ष 2025-26 की फीडिंग अभी जुलाई से शुरू होगी, यानी इस साल के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं। जिस 1.52 करोड़ का जिक्र किया गया है, वह वास्तव में 2024-25 का आंकड़ा है।
स्कूल महानिदेशक कंचन वर्मा के अनुसार, वर्ष 2025-26 की फीडिंग अभी जुलाई से शुरू होगी, यानी इस साल के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं। जिस 1.52 करोड़ का जिक्र किया गया है, वह वास्तव में 2024-25 का आंकड़ा है।
वर्ष 2022-23 में दाखिले की संख्या ज्यादा थी, क्योंकि उस दौरान कोविड के कारण प्रवासी बच्चों की अस्थायी वापसी हुई थी, जिससे कई राज्यों में दाखिला असामान्य रूप से बढ़ गया था।
अब जबकि कोविड से लौटे बच्चे फिर अपने स्थानों पर चले गए। इससे कई राज्यों में संख्या में कमी आई। वर्ष 2023-24 और वर्तमान आंकड़ों में गिरावट सामान्य है। इसके अलावा डुप्लीकेशन के कारण भी वास्तविक आंकड़ों में गिरावट आई है। पिछले दो वर्षों से आंकड़े स्थिर हैं।
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अब जबकि कोविड से लौटे बच्चे फिर अपने स्थानों पर चले गए। इससे कई राज्यों में संख्या में कमी आई। वर्ष 2023-24 और वर्तमान आंकड़ों में गिरावट सामान्य है। इसके अलावा डुप्लीकेशन के कारण भी वास्तविक आंकड़ों में गिरावट आई है। पिछले दो वर्षों से आंकड़े स्थिर हैं।