पर्यटन सीजन के दौरान मसूरी मार्ग पर दिनभर लगने वाले जाम और मसूरी में पार्किंग की समस्या को देखते हुए पर्यटकों को सुविधा के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने साल 2024 की शुरुआत में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड के अंतर्गत मसूरी स्काइवार कंपनी के माध्यम से 300 करोड़ रुपये की लागत से देहरादून-मसूरी रोपवे का परियोजना का निर्माण शुरू कराया।
5.5 किमी में सिमटा 33 किमी का सफर
आमतौर पर पर्यटन सीजन में पर्यटकों को देहरादून से मसूरी पहुंचने में 1.5 से तीन घंटे का समय लगता है, लेकिन रोपवे के माध्यम से पर्यटक मात्र 15 मिनट में मसूरी पहुंच जाएंगे। सड़क मार्ग से देहरादून से मसूरी की दूरी 33 किमी है। जबकि रोप-वे से यह दूरी सिर्फ 5.5 किमी में रह जाएगी। निर्माणदायी संस्था का दावा है कि यह रोपवे दक्षिण एशिया के सबसे बड़े रोपवे में से एक है।
एक घंटे में एक तरफ से पहुंचेंगे 1300 पर्यटक
रोपवे के रोप और केबिन फ्रांस से मंगाए जा रहे हैं। एक केबिन में एक साथ 10 पर्यटकों के बैठने की क्षमता होगी। यह स्वचलित केबिन हैं और इनके दरवाजे अपने आप खुलेंगे और बंद होंगे। शुरुआत में 55 केबिन आएंगे और भविष्य में केबिन की संख्या बढ़ाई जाएगी। इन केबिन से एक घंटे में एक ओर से करीब 1300 यात्री पहुंच सकेंगे।
छह मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से दौड़ेंगे केबिन
रोपवे के केबिन की अधिकतम रफ्तार छह मीटर प्रति सेकेंड होगी। यह रोपवे बचाव तकनीक से लैस होगा। इससे केबिन की रफ्तार मौसम के अनुसार नियंत्रित होगी। रोपवे का पूरा संचालन आनलाइन होगा। जिसके लिए बकायदा फ्रांस से एक टीम आएगी, जो रोपवे का संचालन करने वाले कार्मिकों को प्रशिक्षित करेगी।
खूबसूरत सफर में जाम से मिलेगा छुटकारा
रोपवे से मसूरी का सफर पर्यटकों के लिए अत्यधिक रोमांच और खूबसूरत नजारों से भरा होगा। पहाड़ों के बीच से गुजर कर पर्यटक सीधे मसूरी की माल रोड पर दस्तक देंगे। इससे पर्यटन सीजन में मसूरी मार्ग पर लगने वाले जाम में अंकुश लगेगा। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पर्यटन सीजन रोजाना 10 हजार से अधिक पर्यटक मसूरी पहुंचते हैं।
पर्यटन विभाग के राजस्व में होगा इजाफा
रोपवे से पर्यटन विभाग के राजस्व में इजाफा होगा। इसके साथ ही पुरकुल गांव में स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। रोपवे से पर्यटक प्रदूषण मुक्त सफर कर सकेंगे। रोप-वे बर्फबारी और वर्षा के बीच सभी सीजन में निरंतर संचालित होगी। जबकि आमतौर पर वर्षा के दौरान भू-स्खलन और मलबा आने से मसूरी सड़क मार्ग बाधित हो जाता है।
दून-मसूरी रोपवे का निर्माण तेजी से चल रहा है। प्रयास है कि निर्धारित समय में गुणवत्तापरक काम हो। इसके लिए निर्माण कार्य की लगातार निगरानी चल रही है और ठेकेदारों को सख्त हिदायत दी गई है। – सचिन कुर्वे, सचिव, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड

