लखनऊ। बनी हुई सड़क की मरम्मत के लिए शासन से छह करोड़ रुपये की मांग करने वाले लोक निर्माण विभाग देवरिया में तैनात जूनियर इंजीनियर राम गणेश पासवान को निलंबित कर दिया गया है।
वहीं, एई सुधीर कुमार व एक्सईएन अनिल जाटव के विरुद्ध कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को फाइल भेजी गई है। जल्द ही इन्हें भी निलंबित किया जाएगा। इस मामले में अन्य अधिकारियों की भूमिका भी जांच की जा रही है।
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव अजय चौहान ने बताया कि वर्ष 2015 में कप्तान गंज से रुद्रपुर तक 50 किलोमीटर की सड़क बनाने के लिए निविदा निकाली गई थी। गौरी बाजार से रुद्रपुर तक की सड़क निर्माण का ठेका जय शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था।
सड़क का कुछ भाग बनने के बाद एशियन डेवलपमेंट बैंक ने इस सड़क के निर्माण के लिए 38.64 करोड़ रुपये की राशि भी जारी कर दी थी। इस राशि से लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2022 में सड़क का निर्माण पूरा करा दिया था। छह करोड़ रुपये शेष बचे थे, जिसे सरकार को वापस भेज दिया गया था।
बीते वित्तीय वर्ष में मार्च के महीने में जब सभी विभागों पर बजट के खर्च का दबाव रहता है उसी समय देवरिया लोक निर्माण के अधिकारियों ने मिलीभगत करके उक्त सड़क की मरम्मत के लिए 6.8 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया।
हैरानी वाली बात है कि लोक निर्माण मुख्यालय के अधिकारियों ने इस सड़क की जांच किए बिना ही उक्त राशि को जारी करने की स्वीकृति शासन को भेज दी। नतीजतन राशि भी जारी कर दी गई।
इसके बाद बंदरबांट की तैयारी थी, लेकिन रुपये के बंटवारे को लेकर जेई, एई व एक्सईएन तथा संबंधित बाबुओं में शीत युद्ध शुरू हो गया। नतीजतन मिलीभगत के पूरे खेल का राजफाश हो गया। इसकी जानकारी मिलने पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मामले की जांच कराई और प्रमुख सचिव को कार्रवाई के निर्देश दिए।
इसके बाद जेई को निलंबित कर दिया गया है और एई तथा एक्सईएन के विरुद्ध कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय फाइल भेजी गई है। साथ ही इस मामले में शामिल अन्य की जांच की जा रही है।
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