राष्ट्रपति से मिले ग़ाज़ीपुर जिले के बच्चे
दिल्ली।बाल दिवस के मौके पर सोमवार को विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र (आरबीसीसी) में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। देश में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है। आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
वही पर भारत के महामहिम के बुलावे पर बाल दिवस पर डालिम्स सनबीम विद्यालय ग़ाज़ीपुर उ.प्र.के कुछ बच्चों का नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन जाना हुआ । जिसमे सुधीर कुमार प्रधान की पुत्री निवेदिता राय भी शामिल थी। राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक हाल में राष्ट्रपति महोदया पूरे उल्लास से सभी बच्चों के साथ बाल दिवस मनाया। उसके बाद क्रम से पूरे देश से आये हुए सभी बच्चों से मिली।
उन्होंने ने अपने स्पीच में बच्चो से बड़े सपने देखने को कहा और उसको साकार करने को प्रेरित किया। प्रोटोकॉल तोड़कर महामहिम ने बच्चों से संवाद किया।उसी क्रम में निवेदिता से भी मिली व कुछ मिनट उससे बात की बेटी ने उनसे प्रश्न किया कि आपके जीवन का सुखद क्षण कौन सा रहा फिर निवेदिता एवम अभ्युदय ने मिलकर पूछा कि महामहिम के पद पर आने के बाद आपको कैसा लगा, उनका जवाब था कि बिल्कुल बहुत अच्छा लगा। उसके बाद सभी बच्चों को उन्होंने शुभकामनाएं दी। साथ मे श्रीमती एकता राय निदेशक भी थीं।
बच्चे क्रमशःनिवेदिता,सौम्या,आदर्श कुमार व अभ्युदय प्रताप व विद्यालय के टीचिंग स्टाफ हैं। ग़ाज़ीपुर जनपद से पहली बार कोई बच्चे बाल दिवस पर नई दिल्ली गए है। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बच्चों संग बिताए गए पलों की वीडियो और तस्वीरें साझा की है। राष्ट्रपति मुर्मू ने बाल दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आप सब को बाल दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई! आज का दिन बहुत खास है, क्योंकि यह दिन भारत के बच्चों यानि भारत के भविष्य को समर्पित है। आज हम बच्चों की मासूमियत और पवित्रता को मनाते हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा कि हर नई पीढ़ी नई संभावनाएं और नए सपने लेकर आती है। यह तकनीकी और सूचना क्रांति का एक नया युग है। बच्चे अब विभिन्न घरेलू, सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूक हैं। प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ, ज्ञान और सूचना अब उनकी उंगलियों पर हैं। इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें सही मूल्य सिखाने और उन्हें विभिन्न गतिविधियों और चर्चाओं में शामिल करने के लिए और अधिक प्रयास करें। हम बच्चों से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।