नई दिल्ली। एक क्रिकेट और तीन जिंदगियां जिसकी कड़ी इस खेल से जुड़ी हुई हैं। यूं तो बड़े पर्दे या ओटीटी पर क्रिकेट से जुड़ी कई कहानियों पर फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन 2 घंटे 25 मिनट की फिल्म टेस्ट एक ऐसे जुनून की कहानी है जो किसी को तबाह करती है तो किसी को आबाद।
नयनतारा और सिद्धार्थ जैसे दिग्गज सितारों से सजी टेस्ट 4 अप्रैल को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई। अगर आप इस स्पोर्ट्स ड्रामा को देखने का मन बना रहे हैं तो पहले जान लीजिए कि यह फिल्म कैसी है?

कहानी पर खरी उतर पाई टेस्ट?

एक क्रिकेट जिस पर टिकीं तीन जिंदगियां और मकसद सिर्फ एक- अपने जुनून को तसल्ली देना। अर्जुन एक उम्दा क्रिकेट प्लेयर जिसे कुछ खराब प्रदर्शनों के चलते कोच उसे रिटायर करने का सोच रही है और अपनी जगह बनाने के लिए वह हाथ पैर मार रहा है। एक MIT से डबल डॉक्टरेट की पढ़ाई करने वाला सरवानन को जॉब छोड़ पागलों की तरह देश को बदलने और नई टैक्नोलॉजी पर काम करने के लिए बेताब है। दूसरी ओर सरवानन की पत्नी कुमुध जो मां बनने के लिए किसी भी हद तक गुजरने के लिए तैयार है।

अर्जुन और कुमुध स्कूल से ही एक-दूसरे को जानते हैं। कुमुध के पिता अर्जुन के कोच हुआ करते थे और वह मन ही मन उसे पसंद भी करती है जिससे वह हमेशा इनकार करती है। कुमुध अर्जुन के बेटे आदित्य की स्कूल टीचर है और उसे बहुत प्यार देती है। पहले अर्जुन उसे पहचान नहीं पाता है लेकिन बाद में उसे कुमुध के बारे में पता चलता है। दूसरी ओर सरवानन जो पानी से फ्यूल बनाने के प्रोजेक्ट के लिए लाखों का लोन लिए बैठा है, वो भी झूठ बोलकर कि वह कुमुध के पिता की कैंटीन चलाने के लिए लोन लिया है। वह उसके पिता की जमीन के कागजात भी ले लेता है।

कहानी में ट्विस्ट लाता क्लाईमेक्स

तीनों की जिंदगी में मोड़ तब आता है, जब अर्जुन को भारत-पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच खेलने का आखिरी मौका मिलता है, आर माधवन को अपने प्रोजेक्ट के लिए 50 लाख रुपये की जरूरत है और कुमुधा को IVF के लिए 5 लाख रुपये चाहिए। तीनों की सुई अटकती है क्रिकेट और अर्जुन के बेटे आदित्य पर। माधवन जो शुरू में हीरो लगता है, आखिर में वही विलेन बन जाता है। जब कुमुध अर्जुन के बेटे आदित्य को अपने घर ले आती है तब सरवानन मौके का फायदा उठाया है और एक ऐसे शख्स के साथ हाथ मिलाता है जो अर्जुन को मैच फिक्स करने के लिए उकसा रहा है।

सरवानन आदित्य को किडनैप करने की बात कहकर अर्जुन को मैच हारने के लिए ब्लैकमेल करता है। इस प्लानिंग में कुमुध भी उसका साथ दे रही है। अब बाकी की कहानी आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा कि क्या बच्चे के लिए अर्जुन देश के साथ धोखेबाजी करता है? कुमुध और सरवानन अपनी प्लानिंग में कामयाब होते हैं? उसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

कहां अटकी फिल्म?

जब आपने टेस्ट मूवी का ट्रेलर देखा होगा तो आपको लगा होगा कि टेस्ट रिश्तों का है या आपको मूवी का शुरुआती भाग देखकर भी ऐसा ही लगा होगा। मगर आखिर तक आपको एहसास होगा कि टेस्ट सिर्फ जुनून का है। एक अपने ही जुनून में तबाह हो गया और दूसरा अपने जुनून में जीता तो लेकिन बेटे की जान दांव पर लगाकर। फिल्म में दूर-दूर तक ना ही रिश्ते और ना ही प्यार दिखा। कुमुध और सरवानन पति-पत्नी तो हैं लेकिन उनके बीच केमिस्ट्री नहीं थी। वे सिर्फ अपने-अपने ख्वाबों को पूरा करने की रेस में दौड़ रहे थे। क्लाइमेक्स थोड़ा बेहतर हो सकता था। कहानी के कुछ स्तर अधूरे रह गए।

एस शशिकांत के निर्देशन की नई पारी

विक्रम वेधा का निर्माण करने वाले एस. शशिकांत ने टेस्ट के साथ निर्देशन की दुनिया में अपनी नई पारी की शुरुआत कर दी है। डेब्यू डायरेक्टर के तौर पर शशिकांत ने उम्दा काम किया है। उन्होंने हर एक सीन को बारीकी के साथ दिखाया है। विजय सिंह गोहिल की सिनेमैटोग्राफी भी कमाल की है। फिल्म के म्यूजिक को शक्तिश्री गोपालन ने कंपोज किया है। कुल मिलाकर इतना कहना ठीक रहेगा कि टेक्निकल टीम ने अपना 100 प्रतिशत दिया है।

फिल्म की जान है स्टार कास्ट

इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता है कि कलाकार ही किसी किरदार को बेहतर बना सकते हैं या फिर बिगाड़ सकते हैं। टेस्ट मूवी में जान डालने में आर माधवन, नयनतारा और सिद्धार्थ ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। तीनों ही कलाकारों का अभिनय में कोई जवाब नहीं है। बतौर हीरो आपने माधवन को कई फिल्मों में देखा होगा लेकिन टेस्ट मूवी में हीरो से खलनायक बने माधवन का चार्म अलग ही था। वह अपने जुनून को अच्छे से दिखा पाने में कामयाब रहे। नयनतारा और सिद्धार्थ ने भी काबिल-ए-तारीफ परफॉर्मेंस दी है।