वाशिंगटन। यूक्रेन जंग और ताइवान को लेकर रूस और चीन के साथ टकराव के बाद अमेरिका भारत के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करना चाहता है। अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट एल येलेन भारत की यात्रा को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। अमेरिकी वित्त मंत्री की भारत यात्रा इस लिहाज से काफी उपयोगी है। येलेन ने कहा कि अमेरिका उन देशों को अलग करने फ्रेंड शोरिंग नाम दृष्टिकोण का पालन कर रहा है, जो हमारी सप्लाई चेन के लिए भू-राजनीतिक और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।
जी-20 में भारत की अध्यक्षता का समर्थन करने के लिए उत्सुक अमेरिका
इस क्रम में येलेन ने कहा कि साझा वैश्विक प्राथमिकताओं को प्राप्त करने के लिए अमेरिका जी-20 में भारत की अध्यक्षता का समर्थन करने के लिए उत्सुक है। गौरतलब है कि नवंबर में इंडोनेशिया के बाली में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद भारत इस संगठन की अध्यक्षता करेगा। वह जी-20 का एक वर्ष अध्यक्ष रहेगा। येलेन ने कहा कि भारत, अमेरिका के लिए एक प्रमुख भागीदार है।खास बात यह है कि येलेन के पहले अमेरिका के राष्ट्रपति भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं। हालांकि, विशेषज्ञ बाइडन की इस तारीफ को अमेरिका में हो रहे मध्यावधि चुनाव के मद्देनजर जोड़कर देख रहे हैं।
भारत के और निकट आने का इच्छुक अमेरिका
विशेषज्ञों का मानना है कि एक तरफ चीन के साथ अमेरिका का तनाव चरम पर है। दूसरी ओर यूक्रेन जंग के चलते रूस के साथ संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। ऐसे में अमेरिका, भारत के साथ निकटता बढ़ाना चाहता है। बाइडन प्रशासन में अहम भूमिका रखने वाली येलेन ऐसे समय भारत की यात्रा पर हैं, जब पूरी दुनिया एक गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। यूक्रेन युद्ध के कारण ऊर्जा कीमतों में एक बड़ी उछाल आई है। ऊर्जा संकट ने अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को बदल कर रख दिया है।
वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को आकार देने में जुटा अमेरिका
चीन के उत्पादों पर अमेरिका की निर्भरता को सीमित करने के लिए बाइडन प्रशासन वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को आकार देने में जुटा है। यही वजह है कि अमेरिका अपने सहयोगी राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कदम उठा रहा है। इसका मकसद सहयोगी देश अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक दूसरे की चीजों पर निर्भर रहे। बाइडन प्रशासन अपने इस एजेंडे के तहत भारत को एक प्रमुख आर्थिक सहयोगियों के रूप में देखना चाहता है। येलेन ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि उन देशों को दूर किए जाने की जरूरत है, जो अमेरिका की सप्लाई चेन को अस्थिर कर सकते है।
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