स्थानीय निवासी अनुज सिंह ने कहा कि गांव में दो परिवार निवास कर रहे हैं जबकि पिछले पंचायत चुनाव में सतेली में 78 मतदाता थे। परंतु वर्तमान सूची में यहां 122 मतदाता दिखाए गए जो आश्चर्यजनक रूप से बढ़े हैं। जिसकी जांच होना जरूरी है।
स्थानीय निवासी भूपेंद्र सिंह मनवाल ने बताया कि पंचायत चुनाव को प्रभावित करने के लिए बीएलओ से मिलीभगत कर दूसरी पंचायत में रह रहे लोगों के नाम इस बूथ पर दर्ज कराए गए है। महिपाल सिंह कृषाली ने बताया कि नाहीकला ग्राम पंचायत के सतेली गांव में पिछले चुनाव में 78 मतदाता थे।
जबकि नाहीकला में 113 मतदाता मिलाकर कुल 191 मतदाता हुआ करते थे। परंतु नए आंकड़ों के अनुसार नाहीकला में 123 व सतेली में 122 मतदाता दर्शाकर इस पंचायत में कुल 245 मतदाता दिखाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत में फर्जी मतदाताओं के जरिये सरकारी योजनाओं में भी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
जलागम योजनाओं के साथ ही अन्य योजनाओं की भी यदि धरातल पर जांच की जाए तो बड़ा घपला सामने आ सकता है। उन्होंने आरोप लगाया की ग्राम प्रधान ने अपने रिश्तेदार को आंगनबाड़ी में नियुक्ति करवा कर बीएलओ नियुक्त करवाया। जिसके जरिये यह मतदाता बनाने का कार्य किया जा रहा है। जबकि इस दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्र में पलायन के चलते प्राथमिक विद्यालय आज से लगभग चार-पांच साल पहले बंद हो चुका है।
जिलाधिकारी से मामले की जांच की मांग
जूनियर हाई स्कूल में केवल दो या तीन बच्चे अध्यनरत हैं वही यहां का आंगनबाड़ी केंद्र भी सतेली से करीब 15 किलोमीटर दूर थानों के तलाई में संचालित हो रहा है। वर्तमान में यहां पर चार-पांच मकान को छोड़कर बाकी सभी घर जीर्णशीर्ण और खंडहर हो गए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से इस मामले की जांच की मांग की है।
शिकायती पत्र में खजनी देवी, रूकमणि देवी, दीपक, सुमित, विक्रम सिंह, शमशेर सिंह, सुशीला देवी, विवेक, गुड्डी देवी, सत्येंद्र सिंह, अभिषेक, मनोज सिंह, पार्वती देवी, धर्मवीर सिंह, दीपक ,किरण देवी, महेंद्र सिंह, कुलदीप, देवी सिंह, अरविंद, मुकेश रावत, नेहा रावत सहित कई ग्रामीणों ने हस्ताक्षर हैं।