कानपुर। शहर में काल मर्ज का पहला मामला सुर्खियों में आने के 11 दिन बाद एलआईयू तो सक्रिय हुई, लेकिन नौबस्ता और साइबर थाना पुलिस की अब तक सक्रियता नहीं दिखी है। एलआईयू ने पीड़ित से ठगी से जुड़े साक्ष्यों की मांगे। वहीं, डीसीपी दक्षिण ने तहरीर मिलने पर कार्रवाई करने की बात कही है।
आवास विकास निवासी अनुपम मिश्रा पूजन पाठ कराते हैं। 19 मार्च की दोपहर उन्हें एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को सेना का अधिकारी बताया। कहा, सैन्य छावनी में एक मंदिर का पूजन कराना है। सब जानकारी जुटाने के बाद कहा कि बड़े साहब से अनुमति लेकर काल करता हूं।

ठग को भेजा यूपीआइ स्कैनर

शाम पांच बजे फिर फोन किया और 14 अप्रैल की तारीख फाइनल करने की बात कही। इस पर उन्होंने कहा कि मंदिर की स्थापना कराने में तीन दिन लगते हैं। इसलिए मिलकर ही तारीख तय कर पाएंगे, जिसके बाद ठग ने यूपीआइ का स्कैनर मांगा। कहा कि कुछ धनराशि भेज देता हूं। वह उसके झांसे में आ गए और यूपीआइ स्कैनर भेज दिया।

यूपीआइ स्कैनर मिलने के बाद ठग ने फोन करके उनकी पत्नी का नंबर मांगा। कहा कि मैं वीडियो काल करता हूं, क्योंकि सेना में कोई भी भुगतान बिना पुष्टि किए नहीं किया जा सकता है। इस पर उसने फिर काल की। फोन उठाने के बाद उसने काल मर्ज करते हुए किसी साथी को सैन्य अफसर बताकर बात कराई।

51 हजार रुपये की ठगी

फोन काटने के करीब पांच मिनट बाद उसने फिर काल की और अनुपम को अकाउंट बैलेंस चेक करने को कहा। उन्होंने जैसे ही बैलेंस चेक किया कुछ ही सेकेंड में उनके खाते से 11 हजार रुपये कट गए। 25 मिनट बाद उन्होंने फिर से बैलेंस चेक किया, जिसके बाद 51 हजार रुपये और कट चुके थे।

अनुपम मिश्रा ने बताया कि एलआईयू और हंसपुरम चौकी से फोन आया था, लेकिन ठगी होने के कारण उन्होंने फोन पर देने से इनकार कर दिया। एलआईयू कार्यालय और हंसपुरम चौकी जाकर तहरीर व अन्य दस्तावेज देंगे। डीसीपी दक्षिण दीपेंद्र नाथ चौधरी ने घटना की जानकारी से इनकार किया। कहा कि तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।

"
""
""
""
""
"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *