मुज़फ्फरनगर: दिनांक 23 मार्च 2025 को गुर्जर सदभावना सभा मुज़फ्फरनगर के तत्त्वाधान में गुर्जर हॉस्टल, रामपुर तिराहा पर गुर्जर समाज द्वारा अंतराष्ट्रीय गुर्जर दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे जिला मुज़फ्फरनगर के गणमान्य लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता डी ए वी डिग्री कॉलेज के पूर्व चीफ प्रॉक्टर एवं प्रोफेसर डॉ कलम सिंह के द्वारा की गई। कार्यक्रम में गुर्जर सद्भावना सभा के अध्यक्ष श्री रामपाल सिंह जी ने कहा कि गुर्जर सदभावना सभा पिछले 30 वर्षों से गुर्जर समाज के उत्थान के लिए कार्य कर रही है।
कार्यक्रम में रस्म पगड़ी के अवसर पर होने वाले ब्रह्मभोज आदि कुप्रथाओं, दहेज प्रथा पर असहयोग, पूर्ण नशामंदी पर विचार एवं अंधविश्वास निवारण आंदोलन आदि विषयों पर गोष्ठी के आयोजन पर बोलते हुए कहा कि समाज में समाज में ब्रह्मभोज बंद करने हेतु गांव गांव जाकर समाज को जागरूक किया जाएगा तथा रस्मपगड़ी के अवसर पर केवल एक ही व्यक्ति को शोकसभा में बोलने की लिए प्रेरित किया जाएगा।
कार्यक्रम में पुष्पेंद्र कुमार ने कहा कि भारत के इतिहास में आज तक केवल 9 सम्राट हुए हैं जिनमें से सम्राट मिहिर भोज, सम्राट कनिष्क और सम्राट मिहिरकुल हूण तीनों सम्राट गुर्जर थे तथा उन्होंने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज हमारी युवा पीढ़ी को गुर्जर सम्राटों के जीवन से प्रेरणा लेकर जीवन के पथ पर आगे बढ़ने का कार्य करना चाहिए। उन्होंने सम्राट कनिष्क जी के इतिहास पर विस्तृत जानकारी दी।
अभिषेक चौधरी गुर्जर ने कहा कि समाज की अग्रिम पंक्ति के लोगों का मूल दायित्व है कि समाज में फैल रही सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वास, शिक्षा, स्वावलंबन, जीवन में निरंतर हो रहे नैतिक मूल्यों के पतन आदि गंभीर विषयों पर अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए कार्य करना चाहिए। उन्होंने गुर्जर सद्भावना सभा के उद्देश्यों एवं कार्यों के बारे में सदन को अवगत कराया।
गुर्जर सद्भावना सभा के ओ. पी. चौहान ने अपने वक्तव्य में कहा कि समाज से ब्रह्मभोज का त्याग होना चाहिए तथा रस्म पगड़ी के समय लंबे भाषण न देकर केवल एक व्यक्ति के द्वारा ही उपस्थित लोगों की और से सांत्वना देने के साथ साथ परिवार का परिचय कराना ही उचित होता है साथ ही गुर्जर सद्भावना सभा के गठन से अब तक के क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा गुर्जर सद्भावना सभा के आगामी कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई।
देशराज चौहान जिलाध्यक्ष अंतराष्ट्रीय हिंदू परिषद राष्ट्रीय बजरंग दल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज समाज में शिक्षा के साथ-साथ व्यापार में भी आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। हमें सामाजिक कुरीतियों जैसी ब्रह्म भोज, कंदूरी, कुंडली मिलान, दहेज प्रथा एवं शादियों में बढ़ रहे डीजे के प्रकोप आदि पर समाज में छोटी-छोटी संगोष्ठियों के माध्यम से जागरूकता लाने का कार्य करना चाहिए।
जय किसान आंदोलन के मंडल अध्यक्ष वेदपाल सिंह गुर्जर ने कहा कि जय किसान आंदोलन हमेशा से किसानों की लड़ाई लड़ता आया है और आगे भी किसानों के शोषण के खिलाफ आपकी आवाज बनकर काम करता रहेगा।
जय किसान आंदोलन के जिलाध्यक्ष पवन चौहान ने कहा कि समाज में अगर किसी भी साथी का शासन या प्रशाशन द्वारा शोषण किया जाता है तो जय किसान आंदोलन उनकी लड़ाई लड़ने का काम करेगा।
गुर्जर संभावना सभा के नगर अध्यक्ष मास्टर इच्छाराम ने कहा कि समाज प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है लेकिन राजनीतिक हिस्सेदारी में अभी भी उतना आगे नहीं आया है। इसलिए समाज का कोई भी व्यक्ति किसी भी पार्टी या संगठन से जुड़ा हो समाज के लोगों का दायित्व बनता है कि समाज को एकजुटता का परिचय देते हुए उनका भरपूर सहयोग करना चाहिए।
गुर्जर सदभावना सभा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष विनीत बैंसला ने कहा कि समाज द्वारा जो जिम्मेदारी मुझे आज दी गई है मैं उस जिम्मेदारी को तन मन और धन से पूरा करूंगा और संगठन को निराश नहीं करूंगा।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ कलम सिंह जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि बच्चों में आरम्भ से ही अच्छे संस्कारों का संचार करना चाहिए ताकि समाज में कुरीति पनपने ही न पाए। साथ समाज को अन्धविश्वास से बचने हेतु बच्चों के अंदर वैज्ञानिक सोच को उन्नत करने पर विचार करना चाहिए।
कार्यक्रम का सफल अभिषेक चौधरी गुर्जर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ओ पी चौहान, बालक राम जी, सुरेश कुमार जी, विनीत बैंसला, देशराज चौहान, सन्नी मुखिया, रविन्द्र नागर, जितेंद्र नेताजी, मोहित मुखिया आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से सेठपाल, प्रवीण सिरोही, बालेंद्र कुमार, संजय सिंह, कार्तिक प्रधान, अंकित नागर, अनुज कुमार, त्रिभुवन प्रधान, अतुल कसाना, आशीष विकल, मदनपाल, सुरेशपाल, सत्यपाल सिंह चौहान,अंकुर भाटी, बृजपाल चौहान, कमल सिंह, जसवीर चौहान, आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
" "" "" "" "" "