लखनऊ। तमाम विरोधों के बीच शुक्रवार को 42 जिलों की बिजली के निजीकरण के लिए तकनीकी सलाहकार चयन को फाइनेंसियल बिड खोला गया। न्यूनतम बोली के आधार पर ग्रांट थार्नटन का सलाहकार बनना तय माना जा रहा है। हालांकि, बिड खोले जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे रद करने की मांग कर्मचारी और उपभोक्ता संगठनों ने की है।
सूत्रों के अनुसार फाइनेंसियल बिड में अर्न्स्ट एंड यंग को 91, डेलाइट को 84 और ग्रांट थार्नटन को 83 नंबर मूल्यांकन कमेटी ने दिए। ग्रांट थार्नटर की फाइनेंसियल बिड भी न्यूनतम आई है। ग्रांट थार्नटर की बिड जहां ढाई करोड़ रुपये से कम आई है वहीं अन्य दोनों की 10 करोड़ रुपये से अधिक थी। इसके आधार पर ग्रांट थार्नटन को सलाहकार का टेंडर अवार्ड होना तय माना जा रहा है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिड खोले जाने की पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि पूरा टेंडर पहले से फिक्स था। हितों के टकराव के दायरे में आ रहीं दो कंपनियों को सिर्फ इसलिए टेंडर में बनाए रखा गया ताकि तीन टेंडर का मानक पूरा हो सके।
आरोप लगाया है कि असंवैधानिक तरीके से टेंडर खोला गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें। भ्रष्टाचार के इस मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
उधर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि सलाहकार चयन के टेंडर में अपनाई गई प्रक्रिया पूरी तरह असंवैधानिक है। लाखों करोड़ की संपत्ति लूटने के लिए यह मिला जुला खेल खेला गया है। मिलजुल कर तीन टेंडर डलवाए गए। तीनों कंपनियां हितों के टकराव के दायरे में आती हैं। यह खुलेआम भ्रष्टाचार का मामला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए निजीकरण का निर्णय तत्काल रद करें।
भार के अनुसार मीटर की टेस्टिंग करेंगी बिजली कंपनियां
बिजली चोरी रोकने और उसकी वास्तविक मांग का आंकलन करने के लिए अब मीटरों की टेस्टिंग कराई जाएगी। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष गोयल ने सभी बिजली कंपनियों को उपभोक्ताओं के संयोजन के भार क्षमता के अनुसार मीटर टेस्टिंग करने के निर्देश दिए हैं। वैसे तो नियमित अंतराल पर मीटर टेस्टिंग की व्यवस्था पहले से है लेकिन अमूमन मीटर की जांच नहीं की जा रही है।
ऐसे में अध्यक्ष ने विद्युत संहिता के अनुसार तय अवधि में मीटर की टेस्टिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि पांच एमवीए से 10 एमवीए संयोजन के मीटर की छह माह में एक बार टेस्टिंग अनिवार्य रूप से करायी जाए। इसी तरह 10 एमवीए से अधिक संयोजन की तीन महीने में एक बार टेस्टिंग होगी। अन्य एचटी संयोजनों की एक वर्ष में एक बार टेस्टिंग होगी। वहीं, 20 केवीए से 100 केवीए तक की टेस्टिंग वर्ष में एक बार, अन्य एलटी मीटरिंग की दो वर्ष में एक बार टेस्टिंग और सिंगल फेज मीटर की पांच वर्ष में टेस्टिंग अनिवार्य होगी।