यह भी तय है कि सीसीटीवी कैमरे व अन्य सुराग पुलिस को न मिलते तो केस पुलिस के लिए पहेली बन चुका होता। सच सामने आने पर हर किसी की जुबान पर एक ही बात है कि कोई मां आखिर इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है कि अपने ही हाथों से मौत के घाट उतार दे।
हत्या के बाद गई दूध लेने
घटना के दिन दोनों बच्चियां ज्यादा रो रही थी। गुस्से व झल्लाहट में शिवांगी ने बच्चियों को पहले रजाई व तकिये से दबाकर मारने का प्रयास किया। लेकिन बच्चियां और ज्यादा चिल्लाने लगी। तब स्कार्फ के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली चुन्नी से गला दबाकर बच्चियों की हत्या कर दी। इसके बाद कहानी बनाने के लिए रोजाना की तरह दूध लेने गई और वापस आकर शोर मचा दिया। इसके बाद पड़ोस की महिलाओं की मदद से दोनों को अस्पताल लेकर गई।
पुलिस टीम को शाबाशी
एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने दोहरे हत्याकांड का त्वरित खुलासा करने पर ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी प्रदीप बिष्ट व उनकी टीम को शाबाशी दी। टीम में बाजार चौकी बाजार देवेंद्र सिंह तोमर, उपनिरीक्षक सोनल रावत व महिला कांस्टेबल शोभा शामिल रहे।
कम उम्र में शादी के दुष्परिणाम
शिक्षाविद डॉक्टर सरस्वती पाठक का मानना है कि ज्वालापुर की घटना क्रूर है, लेकिन परिस्थितियों को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। प्रसव के बाद महिलाओं में हार्मोनल बदलाव आते हैं, जिससे व्यवहार भी बदल जाता है। सहनशीलता पर भी असर पड़ता है। इसलिए प्रसव के बाद महिलाओं का ज्यादा ख्याल रखा जाता है। छोटी उम्र और व्यवहार में आए बदलाव के कारण शायद उसकी मानसिक स्थिति ठीक न रही हो। इसी कारण उसने ऐसा कदम उठाया। घर में कोई संभालने और मार्गदर्शन करने वाला होता तो शायद ये दुखद घटना न होती। कम उम्र में शादी के यह भी दुष्परिणाम हैं।

