इटावा-सौरभ द्विवेदी
यमुना चंबल की शेरनी कही जाने वाली डकैत कुसमा नाइन का आज हुआ सूर्यास्त।
जनपद में अपराध का पर्याय रही दस्यु सुंदरी कुसमा नायन का बीमारी के चलते हुए निधन।

डकैत कुसमा नाइन का लखनऊ पीजीआई में पिछले डेढ़ माह से चल रहा था इलाज उसके बाद आज डकैत कुसमा नायन ने लखनऊ पीजीआई मिली अंतिम सांस।
इटावा जिला जेल में सजा काट रही डकैती कुशमा 9 काफी लंबे अरसे से चल रही थी बीमार.
इटावा जिला जेल में 20 वर्ष से आजीवन कारावास की सजा काट रही थी दस्यु सुंदरी कुसमा नायन।

दस्यु सुंदरी कुशमा नायन और डकैत राम आसरे उर्फ़ फक्कड़ ने वर्ष 2004 में कर दिया था मध्य प्रदेश के भिंड जिले में समर्पण।
डकैत कुशमा के समर्पण से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने 20000 और मध्य प्रदेश सरकार ने ₹15000 का इनाम किया था घोषित।
देश में चर्चित सन 1982 में हुआ बेहमई कांड का 1984 में डकैत कुसमा नाइन ने 15 मल्लाहों को खड़ा कर गोली मारने की घटना को दिया था अंजाम।

सन 1996 मैं डकैत कुशमा नायन ने इटावा जिले के भरेह इलाके में दो मल्लाहो की आंख निकाली थी।
डकैत कुशमा नायन की क्रूरता के कारण डकैत उसे यमुना चंबल की शेरनी कहकर बुलाने लगे थे।

