उत्तराखंड। बद्रीनाथ-माणा में रेस्क्यू अभियान फिर शुरू किया गया है। यहां डॉग स्क्वाड, एनडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की टीमें अभियान में जुटी हैं। सेना के 7 और 1 निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर रेस्क्यू करने में जुटा है। रेस्क्यू के दूसरे दिन 10 घायलों को ज्योर्तिमठ पहुंचाया गया है। रेस्क्यू और सर्च अभियान में माणा-बद्रीनाथ में एवलांच में फंसे शेष मजदूरों की तलाश के लिए SDRF की एक टीम विक्टिम लोकेटिंग और थर्मल इमेज कैमरा के साथ रवाना की है।
पुलिस महानिरीक्षक, SDRF रिधिम अग्रवाल ने जानकारी दी कि माणा में एवलांच के दौरान लापता मजदूरों की खोज के लिए SDRF की एक विशेषज्ञ टीम को विक्टिम लोकेटिंग कैमरा एवं थर्मल इमेज कैमरा के साथ सहस्त्रधारा से हेलीकॉप्टर के माध्यम से घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है। इन उपकरणों (विक्टिम लोकेटिंग कैमरा एवं थर्मल इमेज कैमरा) की सहायता से सर्चिंग का कार्य किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने ली जानकारी

प्रथम गांव माणा के पास हुई हिमस्खलन की घटना के बाद केंद्र सरकार बचाव एवं राहत कार्यों पर बराबर नजर बनाए हुए है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर हिमस्खलन की घटना और बचाव अभियान के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री धामी के अनुसार प्रधानमंत्री ने केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए चिंतित हैं और वे भी निरंतर अपडेट ले रहे हैँ। मुख्यमंत्री ने केंद्र की ओर से दिए जा रहे सहयोग के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व रक्षा मंत्री के प्रति आभार जताया है।

सीएम लगातार हैं सक्रिय

माणा में हिमस्खलन की घटना की सूचना मिलने के बाद से मुख्यमंत्री धामी निरंतर सक्रिय हैं और बचाव अभियान की निरंतर मानीटरिंग कर रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने दो बार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया। वह चमोली के डीएम से भी लगातार अपडेट लेते रहे। शनिवार सुबह मौसम अनुकूल होते ही उन्होंने घटनास्थल का हवाई निरीक्षण किया और फिर देहरादून पहुंचकर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा की।

श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में जुटे जवान

इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हिमस्खलन की चपेट में आए सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालने को अभियान जारी है। सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत विभागों के 200 से ज्यादा लोग बचाव अभियान में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि घटनास्थल के पास आठ कंटेनर थे, जिन्हें ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने को युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है।

कंटेनर की तलाश को स्निफर डॉग की तैनाती की गई है। सेना की तीन टीमें सघन पेट्रोलिंग कर रही हैं। दिल्ली से सेना का जीपीआर राडार भी मंगाया गया है। रविवार को जीपीआर, थर्मल इमेजिंग व विक्टिम लोकेशन कैमरा के जरिए खोज अभियान चलाया जाएगा। इस बीच मुख्यमंत्री ने देर शाम आपदा प्रबंधन सचिव से अपडेट लिया।

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