यह है पूरा मामला
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि पांच जनवरी को तहसीलदार पुत्र रामपूते निवासी खेड़ापति मुहल्ला थाना इकदिल ने थाना बढ़पुरा पर तहरीर दी थी। बताया कि तीन जनवरी को उनके 35 वर्षीय पुत्र मनोज को राहुल एवं रोहित ने अपने साथ ले जाकर उसकी हत्या कर दी, जिसका शव चार जनवरी को सुबह करीब नौ बजे यमुना पुल से करीब एक किमी मानिकपुर जाने वाले रास्ते पर मिला। पुत्रवधू द्वारा हत्या करवाई गई। शव को छिपाने की मंशा से सड़क किनारे फेंक दिया। इस पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
साढ़े तीन लाख रुपये देने का लालच
रोहित ने बताया कि वह रिश्ते में मनोज का ममेरा भाई लगता है, इस नाते उसका घर आना-जाना लगा रहता था। इसी के चलते उसका मनोज की पत्नी से पिछले एक वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। मनोज अपनी पत्नी को मारता-पीटता एवं परेशान करता था। इसी कारण से उसकी पत्नी ने मनोज की हत्या करने के लिए उसे साढ़े तीन लाख रुपये देने की बात कही और उसे 15 हजार रुपये एडवांस दे दिए थे।
इसलिए वह तीन जनवरी की रात अपने भाई राहुल तथा मनोज की पत्नी के साथ षड्यंत्र करके मनोज को नुमाइश दिखाने के बहाने घर से बाहर ले गया और उसे शराब पिलाई। जब वह नशे में हो गया तो उसके सिर पर ईंट से कई प्रहार करके उसकी हत्या कर दी।
शव को यमुना में बहाने के लिए बाइक पर रखकर ले जा रहे थे, तभी बाइक अनियंत्रित हो गई, जिससे उसका शव यमुना पुल से करीब एक किमी मानिकपुर जाने वाले रास्ते पर गिर गया और वे दोनों वहां से भाग गए।
एसएसपी ने घटना के पर्दाफाश पर सीओ नागेन्द्र चौबे और बढ़पुरा थाना प्रभारी निरीक्षक गणेश शंकर द्विवेदी के नेतृत्व वाली टीम को 10 हजार रुपये की राशि से पुरस्कृत किया है।
अपहरण बताकर किया था गुमराह
आरोपी दोनों ममेरे भाइयों ने मनोज के अपहरण की सूचना देकर उसके परिजनों को गुमराह किया था। पूछे जाने पर बताया था कि रास्ते में अज्ञात लोगों ने मारपीट की और मनोज का कार से अपहरण कर ले गए हैं। तब पुलिस को सूचना देकर तलाश किए जाने पर मनोज का शव सड़क किनारे बरामद किया गया था।

