तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह आए थे आइएमए देहरादून
हिन्दू नेशनल स्कूल देहरादून के करीब 88 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक तिलक रोड निवासी ब्रह्माननंद गुप्ता को जब गुरुवार रात पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के निधन का पता चला तो वह गमगीन हो गए। उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर-2007 को वह स्वयं उस पीओपी में सामान्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह आइएमए देहरादून आए थे।
पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दो बार ली पीओपी की सलामी
उनसे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1948 और 1953 में दो बार पीओपी की सलामी ली थी, जबकि इंदिरा गांधी ने वर्ष 1982 में आइएमए की गोल्डन जुबली समारोह में पीओपी की सलामी ली थी।
उस समय का प्रधानमंत्री का संबोधन याद करते हुए श्री गुप्ता ने बताया कि डा. सिंह ने कहा था कि सशस्त्र बलों के तकनीकी आधुनिकीकरण के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण व उपकरणों के लिए जो भी आवश्यक होगा, उसमें निवेश करने से वह पीछे नहीं हटेंगे।
उन्होंने कहा था कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेगी कि सशस्त्र बलों की सेवा शर्तें ऐसी हों कि वह हमारे युवा पुरुषों और महिलाओं में से सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली लोगों को सेना में अपना करियर चुनने के लिए हमेशा आकर्षित करती रहें।
आइएमए में हर साल दो बार होती है पीओपी
आइएमए जैसी संस्थाओं और सशस्त्र बलों के अन्य संस्थानों को विकसित किये जाने पर उन्होंने जोर दिया था। बता दें कि आइएमए की स्थापना दिसंबर-1932 में हुई थी। हर वर्ष अकादमी में दो बार जून व दिसंबर में पीओपी आयोजित होती है।
2018 में दून में ठहरे थे तीन दिन
डा. मनमोहन सिंह नवंबर 2018 में तीन दिवसीय दौरे पर देहरादून आये थे। वह 12 नवंबर 2018 को विशेष विमान से जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे थे। वहां से वह सीधे जौलीग्रांट स्थित स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी गए और वहीं रात्रि विश्राम किया था।
अगले दिन वह यूनिवर्सिटी में डा. स्वामी राम के महासमाधि वर्षगांठ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। वर्ष-1994 में केंद्रीय वित्त मंत्री रहते हुए डा. मनमोहन सिंह ने ही हिमालयन अस्पताल की ओपीडी का उद्घाटन किया था।

