प्रयागराज। एआइ इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले में वांछित निशा और उसके बेटे अनुराग सिंघानिया को पुलिस ने डॉक्टर व नर्स बनकर गिरफ्तार किया। बेंगलुरू पुलिस ने रणनीति के तहत उसी होटल में दो कमरे बुक करवाए थे, जहां मां-बेटे ठहरे हुए थे। रातभर उनकी गतिविधि पर नजर रखने के बाद सुबह दबोचा और फिर वाराणसी के रास्ते फ्लाइट से बेंगलुरु पहुंची।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि 11 दिसंबर की रात अतुल सुभाष की सास और साला अनुराग जौनपुर स्थित घर में ताला लगाकर भाग निकले थे। इसके बाद दोनों झूंसी थाना क्षेत्र में स्थित एक होटल पहुंचे और कमरा लेकर ठहर गए। इसी बीच जौनपुर से लेकर अन्य स्थानों पर तलाश में जुटी पुलिस को सटीक जानकारी मिली। तब 13 दिसंबर को बेंगलुरू पुलिस की एक महिला व एक पुरुष पुलिसकर्मी होटल पहुंचे।

रातभर पुलिस ने दोनों पर रखी नजर

उन्होंने खुद को डॉक्टर व नर्स बताते हुए अलग-अलग कमरे बुक किए। रात में मां-बेटे की गतिविधि पर नजर रखी गई और शनिवार सुबह पुलिस टीम आरोपितों के कमरे में दाखिल हो गई। करीब दो घंटे तक पूछताछ के बाद पुलिस टीम कैब के माध्यम से आरोपितों को लेकर वाराणसी के लिए निकल गई। रास्ते में पुलिस टीम के बाकी सदस्य भी मिले और फिर सभी लोग वाराणसी से फ्लाइट पकड़कर बेंगलुरू पहुंच गए।

यह भी बताया गया है कि आरोपितों की ओर से 12 दिसंबर को हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी, जिसका सुराग पुलिस को मिला और फिर लोकेशन ट्रेस करते हुए कार्रवाई की।

अदालत से नहीं बनवाया आरोपितों का रिमांड

बेंगलुरू पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट में निशा व अनुराग की गिरफ्तारी प्रयागराज से बताई गई है। इस संबंध में स्थानीय पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई। इसके अलावा अदालत से आरोपितों का रिमांड भी नहीं बनवाया गया। प्रयागराज के पुलिस अधिकारी भी इस बारे में कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं।

बोले बेंगलुरु पुलिस टीम के विवेचक

बेंगलुरु पुलिस टीम के संग जौनपुर आए एसआइ रंजीत कुमार ने बताया कि तीन आरोपितों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रयागराज और गुरुग्राम से आरोपितों को बेंगलुरु पुलिस ने 24 घंटे के अंदर उन्हें बेंगलुरु कोर्ट में पेश किया। जहां से सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

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