देहरादून। अगर आप के अंदर दृढ़शक्ति और हौसला है तो किसी भी हाल में कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। ऐसा ही कुछ सेना में अधिकारी बने रमन सक्सेना के साथ हुआ। रमन इंडियन मिलिट्री अकादमी की मेस का संचालन कराते-कराते कब सेना में अधिकारी बन गए, पता ही नहीं चला।
दरअसल, मूल रूप से आगरा के शमसाबाद रोड फतेहाबाद निवासी रमन सक्सेना ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2007 में होटल मैनेजमेंट में दाखिला लिया। यह पढ़ाई पूरी करने के बाद वह एक पांच सितारा होटल में नौकरी करने लगे। हालांकि कुछ समय बाद वह भोजन प्रबंधन के लिए सेना में भर्ती हो गए और उन्हें आईएमए के मेस में नियुक्ति मिली।

नौकरी के साथ-साथ कड़ी मेहनत की

यहां सेना के अधिकारियों की शालीनता, अनुशासन, रौब और ठाठ-बाट देखकर उन्होंने भी अधिकारी बनने की ठान ली। इस दौरान नौकरी के साथ-साथ कड़ी मेहनत कर खाली समय में खूब पढ़ाई की। सेना के अधिकारियों से भी मार्गदर्शन और प्रेरणा मिली।

दो बार सेना की एसएसबी इंटरव्यू परीक्षा में असफलता मिलने के बाद उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरी बार आखिरकार वह अधिकारी बन गए। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय आईएमए के पूर्व कैडेट और अधिकारियों को दिया। उन्होंने बताया कि उनके पिता भी सेना में कैप्टन पद से सेवानिवृत्त हैं।

साड़ा गांव का शुभम बना लेफ्टिनेंट

बड़कोट: तहसील बड़कोट क्षेत्र के ग्राम साड़ा निवासी शुभम नेगी सेना में कमीशन प्राप्त कर लेफ्टिनेंट बना है। शुभम की सफलता से क्षेत्र में खुशी की लहर है। शुमभ के पिता रणबीर सिंह बीएसएफ में कार्यरत हैं, जबकि माता हेमलता गृहिणी हैं। साड़ा निवासी ममलेश सेमवाल ने बताया कि शुभम बचपन से ही कुशाग्र था।

उसने नवोदय विद्यालय से पढ़ाई करने के बाद उच्च शिक्षा देहरादून से प्राप्त की। सीडीएस करने के बाद कमीशन प्राप्त किया, जो कि संपूर्ण यमुनाघाटी के लिए गौरव की बात है। वहीं, समाजसेवी अजय रावत सहित क्षेत्र के लोगों ने शुभम की इस सफलता के लिए उनके स्वजन को फोन कर बधाई दी ।

पहली बार में एनडीए परीक्षा पास कर अधिकारी बने पिथौरागढ़ के प्रियांशू

देहरादून: पिथौरागढ़ के प्रियांशू का बचपन से सेना में अधिकारी बनने का सपना सच हो गया। उन्होंने पहली बार में एनडीए की परीक्षा पास की और अब आईएमए में जटिल प्रशिक्षण कर अब वह सेना में लेफ्टिनेंट बन गए। मूल रूप से पिथौरागढ़ के ग्राम बड्डा निवासी प्रियांशू खर्कवाल ने बताया कि जब वह बचपन में सेना से संबंधित फिल्म देखते थे तो उनके मन में भी सेना में अधिकारी बनकर देश सेवा करने का ख्याल आता था और तभी से उन्होंने आपको सेना में भर्ती कराने के लिए तैयार करना शुरू कर दिया।

उनके पिता धीरेंद्र खर्कवाल गुड़गांव में रहते हैं और प्रियांशू ने भी अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई गुड़गांव के डीएवी पब्लिक स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने एनडीए की परीक्षा दी और पहली बार में उत्तीर्ण हो गए। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता और माता ममता खर्कवाल को दिया। उनकी बड़ी बहन प्रियंका खर्कवाल दिल्ली में चिकित्सक हैं। उनकी इस उपलब्धि से स्वजन के बीच खुशी की लहर रही।

डीएवी दून के शुभम को सेना में मिला कमीशन

देहरादून: राजधानी के डीएवी कालेज के छात्र शुभम नेगी सेना में कमीशन पाकर अधिकारी बने। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय, माता-पिता, परिवार और दोस्तों को दिया। उनके पिता रणवीर सिंह नेगी बीएसएफ में नाैकरी कर देश सेवा कर रहे हैं। अब पिता के साथ-साथ बेटा भी देश सेवा के लिए आगे आया है। मूल रूप से ग्राम स्याढ़ा बड़कोट जिला उत्तरकाशी निवासी शुभम नेगी शनिवार को आइएमए से पास आउट होकर लेफ्टिनेंट बने।

इस दौरान पीपिंग सेरेमनी में पहुंचे उनके स्वजन उत्साहित नजर आए। शुभम ने बताया कि वह उनकी इंटरमीडिएट तक की प़ढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय पुरोला से हुई। इस दौरान कई सालों तक वह घर से दूर हास्टल में रहे। वहीं, पिता का देश के प्रति प्रेम देखकर उन्होंने भी सेना में अधिकारी बनकर देश सेवा कराने का इरादा बनाया।

इंटरमीडिएट की परीक्षा के बाद उन्होंने डीएवी पीजी कालेज से विज्ञान संकाय से स्नातक किया। हालांकि इस दौरान वह लगातार सेना में अधिकारी बनने की तैयारी करते रहे और दूसरे प्रयास में उन्होंने सीडीएस परीक्षा उत्तीर्ण कर आइएमए में प्रशिक्षण लिया और इसके बाद सेना में अधिकारी बने। इस मौके पर उनकी माता हेमलता नेगी और छोटे भाई प्रांजल नेगी ने खुशी जतायी।

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