देहरादून। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम होने पर ग्रैप-4 के प्रतिबंध हटने से उत्तराखंड परिवहन निगम की पुरानी डीजल बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिल सकती है। दरअसल, दिल्ली सरकार ने ग्रैप-4 के अंतर्गत ही बीएस-4 श्रेणी की बसों पर प्रतिबंध लगाया था। ऐसे में पिछले 20 दिन से विभिन्न डिपो में खड़ी निगम की 194 बसों को फिर से दिल्ली भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
निगम के अधिकारियों की ओर से इस संबंध में दिल्ली सरकार से संपर्क साधा गया है। उम्मीद है अगले एक-दो दिन में बसों का संचालन पूर्व की तरह सुचारु हो जाएगा। 16 नवंबर को दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के दृष्टिगत ग्रैप-4 के प्रतिबंध लागू करते हुए बीएस-4 श्रेणी की डीजल बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।
केवल बीएस-6, सीएनजी या इलेक्ट्रिक बसों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी गई। ऐसे में उत्तराखंड के सभी डिपो से नियमित दिल्ली जाने वाली 504 बसों में से 194 बसें खड़ी हो गईं। पुरानी बसों के प्रवेश पर रोक के बाद यात्रियों की परेशानी बढ़ गई और परिवहन निगम की व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई।
गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय के ताजा आदेश से परिवहन निगम प्रबंधन को बड़ी राहत मिल गई। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में ग्रैप-4 के प्रतिबंध हटा लिए हैं। चूंकि, बीएस-4 बसों पर लगी रोक के आदेश में साफ अंकित था कि यह प्रतिबंध ग्रैप-4 के प्रविधानों के अधीन रहेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने हटाए ग्रेप-4 के प्रतिबंध, ग्रेप-2 लागू रहेगा

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के एक्यूआइ में सुधार के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को ग्रेप-4 प्रतिबंध हटाने की अनुमति प्रदान कर दी। लेकिन वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेप-2 लागू रहेगा। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने इसके साथ ही सीएक्यूएम को ग्रेप-3 के कुछ अतिरिक्त उपाय ग्रेप-2 के प्रतिबंधों में शामिल करने का सुझाव भी दिया।
पीठ ने कहा, ‘हमारे समक्ष पेश किए गए आंकड़ों पर विचार करते हुए हमें नहीं लगता सीएक्यूएम को ग्रेप-2 से नीचे जाने की अनुमति देना उचित होगा और संभवतः इस न्यायालय की ओर से आगे की निगरानी आवश्यक है।’ पीठ ने सीएक्यूएम से कहा कि अगर एक्यूआइ 350 से ऊपर जाता है तो ग्रेप-3 और 400 के ऊपर जाता है तो ग्रेप-4 के प्रतिबंध लागू किए जाएंगे।

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