उत्तराखंड कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा राष्ट्रीय स्तरीय नेत्री आरूषी सुंदरियाल के पद और गरिमा पर हमला
बाइट-आरूषी सुंदरियाल
देहरादून,उत्तराखंड कांग्रेस नेताओं में अंतरकलह वैसे तो कोई नई बात नहीं परंतु अब यह कलह युवा कांग्रेस के नेताओं के बीच भी नजर आ रहा है। भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता आरुषि सुंदरियाल के विरुद्ध हाल ही में युवा कांग्रेस के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष सुमितर भुल्लर ने झूठी जानकारी प्रस्तुत करने वाले दो पत्र और एक वीडियो जारी किया जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता आरूषी सुंदरियाल द्वारा भारतीय युवा कांग्रेस द्वारा जारी की गई 7 अप्रैल 2024 और 13 मार्च 2023 के दो नियुक्ति पत्र सार्वजनिक किए हैं और साथ ही भारतीय युवा कांग्रेस के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोडेड नियुक्ति पत्र का लिंक भी समस्त पत्रकार साथियों के साथ साझा किया है। हाल ही में देहरादून पुलिस द्वारा पंजीकृत FIR के मुताबिक आरुषि सुंदरियाल पर सोनिया आनंद रावत द्वारा हमला किया गया था और उनकी अनुपस्थिति में घर पर डाका डाला गया और सबसे पहले सबूत मिटाने हेतु सीसीटीवी कैमरा रिकॉर्डिंग सहित चुरा लिए गए इसके बाद पूरे अपार्टमेंट की तलाशी ली गई और निजी दस्तावेजों से प्राप्त जानकारी के आधार पर मीडिया में उल्टी सीधी बयान बाजी की गई। लूटपाट के बाद निजी एवं व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहे इस अपार्टमेंट का कब्जा मकान मालकिन ममता शर्मा को दे दिया गया और आरुषि जो उसही समय जान बचाकर बाहर नाइट सूट में निकली थी वह बिना किसी सामान के घर से बाहर ही रह गई। किसी भी महिला के साथ ऐसा व्यवहार निंदनीय है और ऐसे में जब आरुषि अपनी न्याय की लड़ाई लड़ रही है तो युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा इस प्रकार की मिथ्या बातें प्रचारित करना अत्यंत निंदनीय है।
इस मामले में बयान जारी करते हुए आरूषी सुंदरियाल ने कहा कि “माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवास वी वि द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ नियुक्ति पत्र भारतीय युवा कांग्रेस के समस्त सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपलोडेड है परंतु संभवता नियुक्ति पत्र के अंग्रेजी में होने के कारण कुछ लोगों को पढ़ने और समझने में तकलीफ हुई हो या संभवता हाल ही में दर्ज हुए मुकदमे के बाद बौखलाई सोनिया आनंद उर्फ जसवीर कौर द्वारा धन बल इत्यादि से बनाए गए दबाव के कारण उनकी छवि को धूमिल करने का यह एक और घटिया षड्यंत्र है। साथी आरुषि ने कहां की मेरी नियुक्ति स्वतंत्र रूप से राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा की गई है जो की प्रदेश नेताओं के कार्य क्षेत्र से बाहर है। मैं 2013 में डीएवी कॉलेज से चुनाव लड़कर भाजपा में गई और 2014 में साथियों समेत कांग्रेस में आई थी मुझे कांग्रेस में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए 10 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। मैं विभिन्न प्रदेशों में कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर चुकी हूं और उत्तराखंड में मैं तीसरे प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल देख रही हूं। मुझे अफसोस है कि कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता अप्रत्यक्ष रूप से अपराधिक गतिविधियों में सम्मिलित लोगों का समर्थन कर रहे हैं और अपनी ही पार्टी की महिला नेत्री जिस पर अमानवीय अत्याचार हुए हैं उस से पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। मेरी ऐसे नेताओं को सलाह है कि जिसका जो कार्य क्षेत्र है उस पर ध्यान दें और भविष्य में ऐसी मिथ्या जानकारी सार्वजनिक कर कांग्रेस पार्टी को हंसी का पात्र ना बनाएं। जिन लोगों ने ऐसा किया है उन्होंने पार्टी के शीश नेतृत्व का अपमान किया है और अनुशासनहीनता का प्रदर्शन किया है।” एक तरफ अचानक टूट पड़ी त्रासदी के बावजूद आरुषि सुंदरियाल मजबूती से प्रभावशाली लोगों द्वारा की जा रही गुंडागर्दी के विरुद्ध अपने साथ-साथ दूसरों की भी लड़ाई लड़ रही हैं जिसमें उन्हें शहर के लोगों का सहयोग भी मिल रहा है तो दूसरी और कांग्रेस के कुछ नेता उनकी न्याय की लड़ाई में बाधक बनने का प्रयास कर रहे हैं। पहले सोनिया आनंद रावत पर दर्ज हुए मुकदमे पर चुप्पी और फिर कुछ नेताओं द्वारा पीड़ित महिला को ही पार्टी से हटाने का प्रयास उत्तराखंड कांग्रेस के लिए निंदा का विषय बनता जा रहा है।
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