पीजेंट वेलफ़ेयर एसोशिएसन के चेयरमैन अशोक बालियान ने ज़िलाधिकारी मुज़फ़्फ़रनगर को पत्र लिखते हुये कहा है कि जनपद मुज़फ्फरनगर में मंसूरपुर के पास बेगराजपुर इण्डस्ट्रीयल एरिया में सर्वे मीनार/कोस मीनार है।यह कोस मीनार 30 फीट से भी अधिक ऊंची है और ईंटों और चूने के साथ बनी हुई है।इसके निर्माण में लाखोरी ईंटों का प्रयोग किया गया है।अंग्रेजी जमाने में सड़क मार्ग की दूरी व दिशा बताने वाली बेग्रजपुर में स्थापित यह सर्वे मीनार वक्त के थपेड़ों को झेलती हुई नष्ट होने के कगार पर है।
इस मार्ग पर मौर्य काल से ही कोस मीनारें बनाने की परंपरा शुरू हुई थी।ग्रैंड ट्रंक रोडके नाम से मशहूर यह मार्ग, मौर्य साम्राज्य के दौरान अस्तित्व में था और प्राचीन काल में इसे उत्तरापथ कहा जाता था।चंद्रगुप्त मौर्य ने यूनानी राजनयिक, मेगस्थनीज की आज्ञा से इस राजमार्ग के रखरखाव के लिए अपने सैनिकों को अलग-अलग जगहों पर तैनात किया था।इस मार्ग का पुनःनिर्माण 17वीं सदी में इस ब्रिटिश शासकों ने किया था।
इस राष्ट्रीय राजमार्ग से हट कर लगभग दो सौ मीटर दूरी पर बेगराजपुर इण्डस्ट्रीयल एरिया में मीनार होने की बात से ही यहाँ के अधिकतर लोग अनजान है,क्योकि यहाँ कोई साईंन बोर्ड आदि भी नहीं लगा हुआ है, इसलिए बिना जानकारी के यहाँ कोई आता-जाता भी नही है। इस धरोहर के सौन्दर्यकरण व् वहां साईंन बोर्ड आदि लगाने की आवश्यकता है, ताकि ऐतिहासिक धरोहर को देखकर नई पीढ़ी को इतिहास की जानकारी मिले।


अत: आपसे अनुरोध है कि जनपद मुज़फ्फरनगर में राष्ट्रीय राजमार्ग (मंसूरपुर से पहले जीटी रोड) पर बेगराजपुर इंडस्ट्रियल एरिया में सर्वे मीनार/कोस मीनार के सौन्दर्यकरण व् साईंन बोर्ड आदि लगाने के सम्बन्ध में समुचित कार्यवाही करने का कष्ट करें।

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