अंकिता हत्याकांड मामले की जांच अब अंतिम चरण में है। न्यायालय में मजबूत पैरवी के लिए जांच रिपोर्ट को पुख्ता किया जा रहा है। इसके साथ एसआईटी को देहरादून और चंडीगढ़ स्थित एफएसएल लैब भेजे गए इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की रिपोर्ट का भी इंतजार है। सूत्रों की मानें तो एसआईटी 10 अक्तूबर तक न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर सकती है।
अंकिता हत्याकांड मामले में लोगों की निगाहें एसआईटी जांच पर टिकी हुई है। जांच के बाद न्यायालय में दाखिल की जाने वाली चार्जशीट के आधार पर ही आरोपियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। सूत्रों की मानें तो एसआईटी ने मामले में सभी अहम गवाहों के बयान दर्ज कर लिए हैं। क्राइम सीन रिक्रिएशन के दौरान एसआईटी को यह स्पष्ट हो चुका है आरोपियों ने कैसे, किस समय और किन हालात में वारदात को अंजाम दिया।
एसआईटी ने मामले से जुड़े सभी महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटा लिये हैं। इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को जांच के लिए देहरादून और चंडीगढ़ स्थित एफएसल लैब में भेजा गया है। साक्ष्यों में डीवीआर, ऑडियो, वीडियो रिकॉर्डिंग शामिल हैं। एसआईटी को साक्ष्यों की एफएसल रिपोर्ट मिलने का इंतजार है। मामले में साक्ष्यों, गवाहों बयान के साथ जांच रिपोर्ट भी महत्वपूर्ण है। इसलिए एसआईटी मामले के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच रिपोर्ट तैयार कर रही है। जांच रिपोर्ट तैयार करने का काम अंतिम चरण में। सूत्रों के अनुसार एसआईटी ने 10 अक्तूबर तक न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर ली है।
सर्विलांस पर लगाए सीडीआर से मिले सभी नंबर
एसआईटी ने अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, सहआरोपी अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता और सौरभ भाष्कर के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकलवाई थी। अंकिता भंडारी के वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर ज्वाइनिंग के दिन से लेकर आरोपियों की गिरफ्तारी के दिन तक तीनों आरोपियों के मोबाइल नंबर की इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल के मोबाइल नंबरों को ट्रेस कर उनको सर्विलांस पर लगा दिया गया था। आरोपियों से फोन पर बातचीत करने वाले लोगों से एसआईटी पूछताछ भी कर रही है।
वीआईपी के मामले में एसआईटी के हाथ खाली
सभी को इस बात के खुलासे का इंतजार है कि अंकिता पर किस वीआईपी को अतिरिक्त सेवा देने का दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन इस मामले में अब तक भी एसआईटी के हाथ कोई अहम सुराग नहीं लग पाया है। आरोपी भी तीन दिन की रिमांड दौरान मामले में किसी वीआईपी की संलिप्तता से इंकार करते रहे। लेकिन इसके एसआईटी वीआईपी को बेनकाब करने के लिए साइबर सेल और एफएसटी की मदद से आरोपियों के मोबाइल की सीडीआर को खंगाल रही है।
तीसरी आंख से खुल सकता है वीआईपी का राज
एसआईटी ने बैराज, चीला, चंडीघाट, एम्स रोड समेत विभिन्न स्थानों से सीसीटीवी कैमरों की फुटेज एकत्र की है। इन सभी फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है। हरिद्वार और ऋषिकेश की ओर से वीआईपी वनंत्रा रिजॉर्ट पहुंचा होगा। ऐसे में एसआईटी दोनों मार्गों के पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई लग्जरी कार खासकर काली कारों की पहचान कर रही है। हालांकि यह काम काफी जटिल है। लेकिन वीआईपी की भूमिका की जांच को लेकर एसआईटी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
मामले की जांच अंतिम चरण में है। जांच के हर पहलू को रिपोर्ट में शामिल किया जा रहा है। बहुत जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी। तीनों आरोपियों के मोबाइल नंबर की सीडीआर रिपोर्ट के आधार पर लोगों से पूछताछ भी की गई।
रेखा यादव, एएसपी हरिद्वार, सदस्य एसआईटी