मुज़फ्फरनगर। मंगलवार को क्षेत्रीय त्यागी समाज ने क्षेत्रीय अध्यक्ष संजीव त्यागी का के गांव पूरा स्थित आवास पर एक बैठक का आयोजन किया जिसमें भारत-पाकिस्तान युद्ध के अमर शहीद मेजर आसाराम त्यागी की जयंती पर उनके चित्र पर दीप प्रज्वलित कर उनके पुराने के सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की गई इस दौरान क्षेत्रीय त्यागी समाज के अध्यक्ष संजीव त्यागी ने कहा कि शहीदों की कुर्बानियां देश के नौजवानों का सदैव मार्ग दर्शन करती रहेंगी। जो कौम शहीदों की शहादत को भूला देतीं हैं। वह अधिक समय टिक नहीं पाती। वर्ष 1965 में पाक-हिंदुस्तान वार में मेजर आशा राम त्यागी ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए 26 वर्ष की उम्र में अपने प्राणों को बलिदान कर शहीदों की लिस्ट में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया था और 1965 भारत-पाक युद्ध के महानायक अमर शहीद मेजर आशाराम त्यागी जी मरणोपरांत महावीर चक्र विजेता की जयंती पर शत् शत् नमन। 1962 भारत चीन युद्ध में वीर चक्र से भी भारत सरकार ने आपकोे सम्मानित किया था।
संरक्षक ईश्वर चंद्र त्यागी ने शहीद मेजर आसाराम त्यागी के विषय में बताते हुए कहा मेजर आशाराम त्यागी ने अंतिम सांस लेने से पहले उन्होंने अफसरों और उपचार कर रही डाक्टरों की टीम से कहा था कि उनके घर से जो भी आए, उसको सूचना देना कि आशाराम त्यागी ने पीठ पर नहीं, सीने पर गोलियां खाई हैं। इसलिए दुख मनाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि ये बात उनकी मां बसंती देवी को भी बता दी जाए। उनका पार्थिव शरीर चार दिन बाद उनके पैतृक गांव फतेहपुर मोदीनगर आया तो उनके अंतिम दर्शनों के लिए हूजूम उमड़ पड़ा, मेजर आसाराम त्यागी की शहादत के समय उनकी शादी को मात्र तीन माह ही हुए थे,
इस अवसर पर क्षेत्रीय त्यागी समाज के अध्यक्ष संजीव त्यागी, संरक्षक इश्वर चंद त्यागी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश त्यागी, महासचिव धनेश त्यागी,मास्टर देवेंद्र त्यागी, नारायण त्यागी, अमित त्यागी पुरा,अमित त्यागी डबल,अर्जुन त्यागी पुरा, रघुवेंद्र त्यागी, हरिओम त्यागी , अशोक त्यागी,डबल आदि लोग उपस्थित रहे।
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