उत्तराखंड में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड, दिल्ली-NCR सहित पूरे भारत में सोमवार को शाम 4 बजकर 16 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए।भूकंप के बाद लोग अपने अपने घरों से बाहर निकलकर खुली जगह की ओर जाते दिखे। इससे पहले 4 नवंबर को रात 11:32 बजे नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 157 लोगों की मौत हुई थी।

मिली जानकारी के अनुसार सोमवार दोपहर बाद 4.16 बजे भूकंप के झटके महसूस किए है।  दिल्ली-NCR के अलावा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार की राजधानी पटना में झटके महसूस किए गए थे। झटके दिल्ली से सटे नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी महसूस किए गए। हालांकि भारत में किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था।

नेशनल केन्द्र फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल रहा और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.6 मापी गई। ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों को भूकंप की तीव्रता का एहसास हुआ। 72 घंटे में दूसरी बार भूकंप आया। जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। इससे पहले शुक्रवार देर रात भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 दर्ज की गई। देर रात आए भूकंप के इन झटकों से लोग घबरा गए और घरों-दफ्तरों से बाहर दौड़ पड़े।

गौरतलब है कि नेपाल में साल 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। इस दौरान करीब 9 हजार लोग मारे गए थे। इस भूकंप ने देश के भूगोल को भी बिगाड़ दिया था। यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के टैक्टोनिक एक्सपर्ट जेम्स जैक्सन ने बताया कि भूकंप के बाद काठमांडू के नीचे की जमीन तीन मीटर यानी करीब 10 फीट दक्षिण की ओर खिसक गई। हालांकि दुनिया की सबसे बड़ी पर्वत चोटी एवरेस्ट के भूगोल में किसी बदलाव के संकेत नहीं हैं। नेपाल में आया यह भूकंप 20 बड़े परमाणु बमों जितना शक्तिशाली था।

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