लखनऊ : डॉ राजकुमार विश्वकर्मा प्रदेश के नये पुलिस महानिदेशक होंगे. उन्हें कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाया जा रहा है. पिछले 11 महीने से डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान 31 मार्च को रिटायर हो गए. 1988 बैच के आईपीएस अफसर थे. उन्होंने प्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवाएं दी. देवेंद्र सिंह चौहान की गिनती प्रदेश के तेज तर्रार अफसरों में होती रही है. उनकी सेवानिवृत्ति के साथ प्रदेश के नये पुलिस मुखिया की तलाश तेज हो गई थी. 1988 बैच के ही चार अफसर डीजीपी पद की रेस में बताए जा रहे थे. इनमें विजय कुमार की सेवानिवृत्ति जनवरी 2024 में है. वहीं डीजी की रेस में एक नाम आनंद कुमार का भी है, वह अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे.इसी बैच के अनिल कुमार अग्रवाल जो कि फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, वह अप्रैल और डॉ राजकुमार विश्वकर्मा मई 2023 में रिटायर होने वाले हैं. माना जा रहा है पुलिस ऐसे किसी अधिकारी को पुलिस विभाग की कमान सौंपेगी, जिसका कार्यकाल लगभग साल भर का हो. एक साल पहले जब मुकुल गोयल को पुलिस महानिदेशक पद से हटाया गया था, तब भी देवेंद्र सिंह चौहान के साथ आरके विश्वकर्मा डीजीपी पद की दौड़ में थे, लेकिन बाजी उनके हाथ से फिसल गई. सरकार ने उनके छोटे कार्यकाल के बावजूद वरिष्ठता के आधार पर उन्हें डीजीपी बनाया है.
आरके विश्वकर्मा के नाम पर सहमति
पुलिस महानिदेशक के पद के लिए आरके विश्वकर्मा के चयन के पीछे बड़ी वजह उनकी कार्यशैली और ईमानदार छवि है. वह 15 फरवरी 2020 से डीजी इंटेलीजेंस के पद पर कार्यरत हैं.फिलहाल वह पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं. आरके विश्वकर्मा जौनपुर के रहने वाले हैं. बताया जा रहा है कि राज्य शासन संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजे गए प्रस्ताव में डॉ राजकुमार विश्वकर्मा का नाम पहले ही भेज चुकी है. यूपी में आईपीएस अफसरों के तबादलों का क्रम जारी है. डीजी कारागार आनंद कुमार बनाए गए कोऑपरेटिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसी तरह विजय कुमार को अतरिक्त सतर्कता का चार्ज दिया गया है. एम के बसाल PCL,प्रशांत कुमार को कानून व्यवस्था के साथ EOW का प्रभार सौंपा गया है.
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