लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर (लगभग 82 लाख करोड़ रुपये) की अर्थ व्यवस्था बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, न्यायिक प्रणाली, शिक्षा, भारी उद्योग आदि क्षेत्र में लगभग 40 लाख करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगी। निवेश का खाका तैयार कर लिया गया है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष प्रस्ताव को प्रस्तुत भी कर दिया गया है। अब जल्द ही प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा।

मूलभूत सुविधाओं पर बारीकी से होगा काम

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष रखे गए प्रस्ताव में बताया गया कि प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनामी बनाने के लिए मूलभूत सुविधाओं के साथ कई बिंदुओं पर बारीकी से काम करना होगा। सालाना विकास दर को 30 से 35 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा। जीएसडीपी (ग्रास स्टेट डोमेस्टिक प्रोडेक्ट) के निवेश को बढ़ाकर 43 से 47 प्रतिशत तक ले जाना होगा। साथ ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लक्ष्य को बढ़ाकर 45 प्रतिशत तक ले जाने पर कार्य करना होगा। जानकारों की मानें तो इन बिंदुओं पर फोकस करने के बाद आसानी से वन ट्रिलियन इकोनामी के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा। इसके साथ ही प्रदेश में आयात को घटाकर निर्यात पर फोकस करने पर जोर होगा। इससे प्रदेश में अधिक से अधिक इकाइयां तो लगेंगी ही साथ ही रोजगार भी बढ़ेगा।

निवेश नीति का खाका तैयार

निवेशकों को लुभाने के लिए इंवेस्टमेंट नीति का खाका तैयार किया गया है। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस और नई इकोनामी को विभिन्न चरणों में बांटने पर जोर दिया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर को दो भागों में बांटा गया है, जिसके हार्ड और साफ्ट दो हिस्से हैं। हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर में लाजिस्टिक के साथ पावर और एनर्जी शामिल है जबकि साफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में नियामक, न्यायिक प्रणाली, शिक्षा, स्वास्थ्य को शामिल किया गया है। वहीं सर्विस में पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य को शामिल किया गया है।

24 लाख बेड के अस्पतालों का होगा निर्माण

साफ्ट इंंफ्रास्ट्रक्चर के तहत पूरे प्रदेश में आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था के लिए योगी सरकार को वर्ष 2022 से 2027 के बीच करीब 2.1 लाख करोड़ खर्च करने होंगे। 24 लाख बेड के अस्पतालों का निर्माण किया जाएगा। करीब 4.35 लाख डाक्टर और 17 लाख नर्स की भर्ती की जाएगी जबकि हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत अधीनस्थ न्यायालय में 1092 जज की नियुक्ति की जाएगी। वहीं हाईकोर्ट में 90 नए जज की नियुक्ति की जाएगी। वहीं 13 लाख करोड़ बिजली, 25 लाख करोड़ रोड और 200 करोड़ रुपये न्यायिक प्रणाली पर खर्च किए जाएंगे।

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