गोरखपुर। बेतिया राज की संपत्ति की देखरेख के लिए गोरखपुर मंडल में बिहार राजस्व परिषद की ओर से तैनात राजस्व अधिकारी ने गुरुवार को सत्यापन के दौरान कुशीनगर के मथौली बाजार में बेतिया राज की जमीन पर हो रहे धर्मशाला निर्माण पर आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने पर्यटन विभाग के अधिकारियों से बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए हो रहे धर्मशाला निर्माण को तत्काल रोकने को कहा और इसकी सूचना बिहार राजस्व परिषद को दी।
शुक्रवार को वह पूरी स्थिति के संबंध में परिषद और कुशीनगर के जिलाधिकारी को पत्र भी लिखेंगे। बिहार राजस्व परिषद की ओर से बेतिया राज की संपत्ति की देखरेख के लिए तैनात किए गए राजस्व अधिकारी बद्री प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में बिहार के अमीनों की टीम ने गुरुवार को हाटा के पास मथौली बाजार में संपत्ति की स्थिति देखी। इस दौरान चेड़ा माता मंदिर के पास ही बेतिया राज की जमीन पर धर्मशाला का निर्माण होता पाया।
उन्होंने पूछताछ की तो ठीकेदार ने बताया कि पर्यटन विभाग काम करा रहा है। इस पर उन्होंने पर्यटन अधिकारी से मोबाइल फोन पर बात कर काम रोकवाने को कहा और इसकी सूचना बिहार राजस्व परिषद को भी दी। टीम महराजगंज में भी बेतिया राज की जमीन का सत्यापन करेगी। टीम का कहना है कि जहां संदेह हो रहा है वहां संबंधित भूखंड की पैमाइश कराई जा रही है।
इससे पूर्व बुधवार को गोरखपुर के बेतियाहाता में प्लाट नंबर 236 से सत्यापन का काम शुरू किया गया। बिहार के राजस्व अधिकारी की मांग पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी ने सत्यापन कार्य में मदद के लिए सदर तहसील के चार लेखपालों को जिम्मेदारी सौंपी है।
बिहार सरकार की ओर से बेतिया राज की संपत्ति अपने कब्जे में लेने संबंधी विधेयक वहां के विधानमंडल द्वारा स्वीकृत होने के बाद से ही गोरखपुर, महराजगंज और कुशीनगर के तमाम जगहों पर संपत्ति का सत्यापन हो रहा है।

सात से आठ एकड़ जमीन पर हुआ है निजी निर्माण, मची है खलबली

करीब एक माह पूर्व बेतिया राज की संपत्ति का जायजा लेने गोरखपुर आए बिहार राजस्व परिषद के अध्यक्ष केके पाठक ने जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश की अध्यक्षता में यहां के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उन्हें बताया गया था कि शहर के बेतियाहाता में 50.921 एकड़ से अधिक भूमि बेतिया एस्टेट की हैं।
इनमें मंडलायुक्त आवास परिसर समेत आस-पास स्थित अधिकारियों के आवास, आवास विकास कालोनी, स्कूल, सड़क और पानी की टंकी के अलावा करीब सात- आठ एकड़ जमीन पर नीजी मकान बन चुके हैं। जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश ने परिषद के अध्यक्ष के सामने प्रस्ताव रखा था कि निजी निर्माण करा चुके लोगों को नोटिस देकर वर्तमान सर्किल रेट से दो गुणा कीमत जमा कराकर जमीन उन्हें दे दी जाए। जो राजी नहीं होंगे, उनके खिलाफ सिविल में केस दाखिल कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है।
परिषद के अध्यक्ष ने इसपर सहमति जताई थी और साथ ही आश्वस्त भी किया था कि वे इस संबंध में जल्द ही बिहार सरकार से जरूरी कार्रवाई कर शासनादेश जारी कराएंगे। लेकिन, 26 नवंबर को बिहार विधान मंडल में पारित हुए विधेयक के बाद अब इस निर्णय की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।

संपत्ति की देखरेख के लिए यहां तैनात राजस्व अधिकारी बद्री प्रसाद गुप्ता का कहना है कि जल्द ही यहां की संपत्ति को लेकर बिहार सरकार की ओर से दिशा निर्देश जारी हो जाने की उम्मीद है। फिलहाल तब तक के लिए संपत्ति का सत्यापन कराया जा रहा है।

गोरखपुर में बेतिया एस्टेट की संपत्तियां

  • कमिश्नर आवास परिसर- 4.799
  • सड़क- 4.649
  • आफिस आवास, कालोनी व पेड़ पौधे- 3.501
  • मकान- 2.237
  • आवास विकास कालोनी- 1.433
  • तुलसीदास इंटर कालेज- 1.526
  • पक्का मकान- 1.259
  • पानी की टंकी व स्कूल- 0.060
  • कब्रिस्तान- 0.080
  • नाली- 0.016
  • खंदक- 0.101
  • रास्ता- 0.380
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