फोन पर क्या बोले अपराधी?
शुरुआत में आईटी क्लाइंट को कई सारे टैक्स्ट मैसेज आए जिसे उन्होंने स्पैम के रूप में अनदेखा कर दिया। यह घटना शनिवार सुबह 3 बजे के आसपास शुरू हुई, जब पीड़ित को धोखेबाजों का फोन आया – पहले उन्होंने खुद को कूरियर एजेंट और फिर मुंबई पुलिस अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया। इसके बाद उन्होंने पीड़ित को दावा किया कि उसका आधार नंबर मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा था।
पीड़ित ने उससे कहा कि यह प्रक्रिया सोमवार सुबह तक जारी रहेगी जब बैंक खुलेंगे। इसके बाद उसे अपने खाते से RTGS भुगतान करना होगा और फिर वो रिहा हो जाएगा।
कॉन्स्टेबल ने की मदद
यह सब रविवार को सुबह 4 बजे तक जारी रहा। रविवार सुबह 4 बजे के करीब पीड़ित का कॉल अचानक बंद हो गया था जिसके बाद उसने हैदराबाद साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर कॉल किया और वहां के अधिकारियों को घटना से आगाह किया। कॉन्स्टेबल ने उन्हें एक घंटे से ज्यादा समय तक फोन पर व्यस्त रखा, जब तक कि उनके परिवार के लोग लॉज नहीं पहुंच गए और उन्हें बचा नहीं लिया। फोन रिसीव करने वाले कांस्टेबल गणेश के मुताबिक वो पीड़ित से लगातार फोन पर बात कर रहे थे ताकि वो खुद को अकेला ना समझे।